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September 7, 2025

हिमाचल पंचायत चुनाव: आरक्षण का नया फार्मूला लागू, महिलाओं के लिए 50 % सीटें आरक्षित

SC-ST, OBC और महिलाओं के लिए नई आरक्षण व्यवस्था लागू

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panchayat Election

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने पंचायत चुनावों को लेकर सीटों और पदों के आरक्षण संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। यह अधिसूचना हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (निर्वाचन) नियम, 1994 में हाल ही में किए गए संशोधनों के आधार पर तैयार की गई है। सरकार का दावा है कि नई व्यवस्था से चुनाव प्रक्रिया पहले की तुलना में और अधिक पारदर्शी व न्यायसंगत होगी।

महिलाओं के लिए आधी सीटें आरक्षित

नई अधिसूचना के मुताबिक, ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद तक सभी स्तरों पर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए कुल 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी। यह आरक्षण प्रत्येक वर्ग की जनसंख्या के अनुपात के अनुसार तय किया जाएगा। पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर भी यही नियम लागू होगा।

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पिछड़ा वर्ग के लिए सीमा

अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण अधिकतम 15 प्रतिशत तक ही सीमित रहेगा। इसके अलावा यह आरक्षण केवल उन्हीं इलाकों में लागू होगा जहां पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या कम से कम 5 प्रतिशत या उससे अधिक है।

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प्रधान पदों पर भी आरक्षण

  • ग्राम पंचायतों और विकास खंड स्तर पर प्रधान पदों का आरक्षण भी इस बार नए फार्मूले से होगा।
  • विकास खंड को एक इकाई मानकर आरक्षण तय किया जाएगा।
  • SC और ST के लिए प्रधान पद उनके जनसंख्या अनुपात में आरक्षित होंगे, जिनमें से आधे पद महिलाओं के पास जाएंगे।
  • जिन पंचायतों में इन वर्गों की आबादी 5% से कम होगी, वहां प्रधान पद आरक्षित नहीं किए जाएंगे।
  • OBC के लिए भी यही नियम लागू होगा, लेकिन कुल आरक्षण 15% से अधिक नहीं होगा।

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महिलाओं की संख्या के आधार पर चयन

जहां तक महिला आरक्षण का सवाल है, वहां पंचायतों में महिलाओं की सर्वाधिक प्रतिशतता के आधार पर यह तय होगा कि कौन-सी पंचायतों में महिला प्रधान चुनी जाएगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी विकास खंड में कुल 41 पंचायतें हैं, तो 21 पंचायतों में प्रधान पद महिलाओं के लिए सुरक्षित रहेंगे। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए तय कोटा भरने के बाद शेष पद सामान्य वर्ग की महिलाओं को उनकी जनसंख्या अनुपात के घटते क्रम में दिए जाएंगे।

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रोस्टर प्रणाली से होगा चयन

आरक्षण की यह पूरी प्रक्रिया रोस्टर प्रणाली से की जाएगी, ताकि हर चुनाव में बारी-बारी से अलग-अलग सीटों और पदों पर आरक्षण लागू हो और निष्पक्षता बनी रहे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बार भी आरक्षण की गणना 2011 की जनगणना के आधार पर की जाएगी।

चुनाव समय पर कराने का आश्वासन

गौरतलब है कि पंचायत चुनाव प्रदेश में इस साल के अंत या अगले वर्ष की शुरुआत में करवाए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र में कहा था कि पंचायत चुनाव तय समय पर होंगे और किसी भी तरह की देरी नहीं की जाएगी।

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