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November 1, 2025

हिमाचल आपदा में कई इलाकों का टूटा संपर्क- हरकत में आया PWD, जल्द बनेंगे नए पुल

फेज-वाइज काम शुरू, इंजीनियरों को सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के आदेश

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 vikramaditya singh

शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हुए पुलों की जगह अब नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से आठ बड़े पुलों के निर्माण की मंजूरी दे दी है। ये पुल चौपाल के शालू खड्ड, मनाली, लाहौल-स्पीति के उदयपुर सिस्सू, भरवलालई के बैरियां खड्ड और सिरमौर के सराहन की गिरी नदी पर बनाए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग ने इंजीनियरों को जल्द सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

 

आपदा में टूटे 17 पुल

 

बीते मानसून में हुई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हिमाचल के अलग-अलग जिलों में 17 पुल पूरी तरह टूट गए जबकि कई आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। लोक निर्माण विभाग को इस नुकसान से करोड़ों रुपये का झटका लगा है। सरकार अब स्थिति का जायजा लेकर यह तय कर रही है कि कौन से पुल नए बनेंगे और किन्हें मरम्मत से ठीक किया जा सकता है।

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हर जिले में शुरू होंगे निर्माण कार्य

 

जानकारी के मुताबिक, चौपाल की शालू खड्ड पर 5.26 करोड़, मनाली में ब्यास नदी पर पीसीएस बॉक्स ब्रिज पर 12.6 करोड़, लाहौल-स्पीति के उदयपुर सिस्सू में चंद्रा नदी पर 9.71 करोड़, बैरियां खड्ड पर 6.10 करोड़ (तीन पुल) और गिरी नदी पर 14.13 करोड़ रुपये की लागत से नया पुल बनाया जाएगा। ये सभी पुल ऐसे स्थानों पर बनाए जाएंगे जहां बरसात में जलस्तर बढ़ने के बावजूद इन्हें नुकसान न पहुंचे।

 

सरकार ने अस्थायी रूप से लगाए बैली ब्रिज

 

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि टूटे पुलों को फेज-वाइज बहाल किया जाएगा। जहां नए पुलों की आवश्यकता है, वहां निर्माण प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। वाहनों की आवाजाही बनाए रखने के लिए सरकार ने फिलहाल अस्थायी तौर पर बैली ब्रिज लगाए हैं।

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आपदा प्रभावितों का नुकसान भी हो रहा आकलित

 

सरकार अब आपदा में क्षतिग्रस्त मकानों, दुकानों और गोशालाओं का सर्वे कर रही है। जिलों में विशेष कमेटियां गठित की गई हैं ताकि किसी भी प्रभावित को मुआवजा राशि से वंचित न रहना पड़े। नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी और पंचायत सचिवों को मौके पर जाकर नुकसान का सटीक आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

4500 करोड़ का कुल नुकसान

 

इस साल मानसून के दौरान प्रदेश को 4500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। 400 से ज्यादा लोगों की जान गई, 462 घायल हुए, 7447 घर क्षतिग्रस्त हुए और 2094 मवेशियों की मौत हुई। सरकार ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों व दुकानों के लिए 1 लाख रुपये मुआवजा तय किया है।

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