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October 31, 2025

CM सुक्खू की पत्नी के चुनाव में बैंक ने बांटे थे पैसे! HC ने भेजा नोटिस, विधायकी को दी गई चुनौती

चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का लगा है आरोप

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Election Code Violation

शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने देहरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कथित तौर पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और धन वितरण के आरोपों को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में प्रदेश सरकार, सीबीआई और कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को नोटिस जारी करते हुए 11 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग

जानकारी के अनुसार, यह जनहित याचिका देहरा के पूर्व विधायक होशियार सिंह ने दायर की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि 10 जून को हुए देहरा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिए आचार संहिता लागू रहने के बावजूद सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया गया।

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होशियार सिंह का कहना है कि महिला मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से महिला मंडलों को 50-50 हजार रुपये की राशि वितरित की गई और यह पूरा लेनदेन कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से हुआ। उन्होंने बताया कि कुल लगभग 170 महिला मंडलों में से 67 मंडलों को ही यह राशि दी गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चयनित समूहों को फायदा पहुंचाने की नीयत से यह काम किया गया।

चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन

याचिका में कहा गया है कि बैंक की मंजूरी लेकर करीब साढ़े 35 लाख रुपये की राशि जारी की गई थी, जो कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। होशियार सिंह ने अदालत से मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस प्रक्रिया में किन अधिकारियों और राजनीतिक हस्तियों की भूमिका रही है।

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मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावलिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीर मानते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने स्पष्ट किया है कि अगली सुनवाई से पहले सरकार, बैंक और सीबीआई तीनों पक्षों को अपना जवाब दाखिल करना होगा।

हाईकोर्ट पर टिकीं निगाहें

मामले ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह आरोप सीधे मुख्यमंत्री के परिवार और सरकारी तंत्र के दुरुपयोग से जुड़े हैं। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और बैंक अपनी सफाई में क्या जवाब पेश करते हैं, और क्या हाईकोर्ट इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश देता है या नहीं।

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