#यूटिलिटी
August 21, 2025
हिमाचल में फिर भारी बारिश की चेतावनी, 5 जिलों में 4 दिन के लिए जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट
प्रदेश भर में 27 अगस्त तक जारी रहेगा बारिश का दौर
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिज़ाज बिगड़ने जा रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार को धूप खिलने से कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन यह राहत ज्यादा देर टिकने वाली नहीं है। शुक्रवार से एक बार फिर वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय हो रहा है, जिससे पहाड़ी जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 23 अगस्त से चार दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार 23 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 24 अगस्त को कांगड़ा और सिरमौर जिले प्रभावित हो सकते हैं, जबकि 25 अगस्त को फिर से कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। 27 अगस्त तक पूरे प्रदेश में रुक.रुक कर वर्षा जारी रहने की संभावना है। विभाग ने 22 और 27 अगस्त के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है।
यह भी पढ़ें : MLA अनुराधा ने उठाया हिमाचल के अस्तित्व का मुद्दा, पक्ष-विपक्ष को प्रदेश हित में सोचने की दी नसी...
बारिश से पहले ही राज्य में हालात सामान्य नहीं हैं। गुरुवार शाम तक 347 सड़कें, जिनमें एक नेशनल हाईवे भी शामिल है, भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी हैं। मंडी जिले में सर्वाधिक 164 सड़कें और कुल्लू में 123 सड़कें प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा 281 बिजली ट्रांसफार्मर और 145 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हैं।
यह भी पढ़ें : मानसून सत्र के बीच सीएम सुक्खू ने बुला ली कैबिनेट बैठक, जानें किन विषयों पर होगी चर्चा
गुरुवार दोपहर 12 बजे बिलासपुर स्थित कोलडैम से पानी छोड़ा गया, जिससे सतलुज नदी का जलस्तर 4 से 5 मीटर तक बढ़ गया है। इसके चलते पंजाब में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को नदी किनारे जाने से मना किया गया है।
यह भी पढ़ें : BREAKING: सुक्खू सरकार ने 642 TGT को दिया बड़ा तोहफा, लेक्चरर के पद पर किए प्रमोट
20 जून से लेकर 21 अगस्त तक के मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। राज्यभर में अब तक 287 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 138 की मौतें सड़क हादसों में हुई हैं। इसके अलावा 346 लोग घायल हुए और 38 लोग अभी भी लापता हैं। प्राकृतिक आपदाओं के चलते 3,267 घर और दुकानें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। 2,597 गोशालाएं भी तबाह हो गई हैं और 1,806 पालतु पशुओं की मृत्यु दर्ज की गई है। राज्य सरकार के मुताबिक अब तक कुल 2,282 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है।