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July 4, 2025
हिमाचल पुलिस भर्ती मामले में हाईकोर्ट का नोटिस, HPPSC, सरकार, CBI से मांगा जवाब
पुलिस भर्ती परीक्षा में लगे हैं धांधली के आरोपए पेपर लीक की आशंका
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आयोजित हिमाचल पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा अब विवादों के घेरे में आ गई है। परीक्षा में कथित धांधली और पेपर लीक के गंभीर आरोपों के बीच प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग और सीबीआई को नोटिस जारी किए हैं। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता अमन अरोड़ा व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 15 जून को राज्य भर के 18 परीक्षा केंद्रों में पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। यह परीक्षा 1088 पदों के लिए आयोजित की गई थी, जिनमें से 708 पुरुष और 380 महिला कांस्टेबल के पद थे। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए एक लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था, लेकिन ग्राउंड टेस्ट में केवल 16,000 अभ्यर्थी सफल हो पाए, जिन्हें लिखित परीक्षा में बैठने का अवसर मिला।
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15 जून को पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा हुई थी। जिसके बाद कई अभ्यर्थियों ने जहां परीक्षा केंद्रों में नकल करवाए जाने के अलावा प्रश्न पत्रों के लीक का मामला उठाया था। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक होने की खबरें सामने आ गई थीं। आरोप लगाए गए हैं कि परीक्षा प्रश्नपत्रों को चार-चार लाख रुपए में बेचा गया। इस सिलसिले में कांगड़ा पुलिस ने पालमपुर में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन आगे की जांच में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा आयोग को परीक्षा केंद्रों में नकल की लगभग 1600 शिकायतें ईमेल के माध्यम से प्राप्त हुईं, लेकिन इन पर कोई गंभीर संज्ञान नहीं लिया गया।
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प्रार्थियों ने अदालत से मांग की है कि इस परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से करवाई जाए, ताकि पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने अपनी याचिका में पश्चिम बंगाल का उदाहरण भी दिया है, जहां शिक्षक भर्ती घोटाले में 17,000 से अधिक शिक्षकों को नकल के आधार पर हटाया गया था।
हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हिमाचल सरकार, लोक सेवा आयोग और संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि परीक्षा रद्द की जाए या नहीं, और जांच किस एजेंसी को सौंपी जाए।