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July 4, 2025

हिमाचल : 9 साल से परिवार की राह देख रहा राकेश, अब दो महीने बाद मिलेगा नया घर

बाल आश्रम में पल रहा राकेश- जिंदा है परिवार के मिलने की उम्मीद

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Rakesh

हमीरपुर। किसी ने क्या खूब लिखा है कि एक खिड़की से झांकती आंखें, हर राह में ढूंढती कोई साया, कभी मां की ममता, कभी पिता की परछाईं, हर गुजरते दिन के साथ उम्मीदें धुंधली सी हो चलीं, फिर भी एक चेहरा दिल में जिंदा है- बस अपनों की परछाईं।" ऐसी ही कुछ कहानी है 9 साल से अपने परिवार की तलाश में भटक रहे राकेश की।

9 साल से परिजनों की तलाश

हमीरपुर जिले के बाल देखरेख संस्थान, सुजानपुर की एक खिड़की है, जो बीते करीब 9 वर्षों से एक मासूम की उम्मीदों की निगाहें समेटे खड़ी है। उस खिड़की से हर रोज एक किशोर झांकता है- राकेश, जिसकी उम्र अब लगभग 17 साल हो चुकी है। लेकिन उसकी आंखों में अब भी वही बचपन सी मासूम आस है, कि शायद एक दिन कोई चेहरा सामने आए और कहे, "बेटा, चल घर चलें।"

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2016 में पहुंचा था आश्रम

17 नवंबर 2016 को राकेश को जिला कांगड़ा से ऊना पुलिस की मदद से बाल कल्याण समिति द्वारा हमीरपुर भेजा गया था। उस समय वह बहुत छोटा था और केवल अपना नाम "राकेश" ही बता पाया था। न घर का पता, न मां-बाप का नाम- उसके पास यादें थीं तो बस एक धुंधली सी तस्वीर, जिसे शब्दों में ढालना उसके लिए मुश्किल था।

पहचान और हावभाव

राकेश आज भी सहज, समझदार और व्यवहार में बेहद विनम्र है। उसका रंग सांवला, कद 5 फीट 3 इंच, और भाषा पर पकड़ अच्छी है — वह पहाड़ी और हिंदी बोलने व समझने में सक्षम है। संस्थान के कर्मचारियों के अनुसार वह अन्य बच्चों की तरह पढ़ाई-लिखाई में भी रुचि रखता है और हर त्योहार पर कुछ अधूरी उम्मीदें लेकर सजता है।

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अब 60 दिनों का अल्टीमेटम

जिला बाल कल्याण समिति हमीरपुर ने अब स्पष्ट कर दिया है कि यदि आगामी 60 दिनों के भीतर राकेश के जैविक माता-पिता, अभिभावक या अन्य कोई रिश्तेदार सामने नहीं आते, तो राकेश को दत्तक ग्रहण हेतु कानूनी रूप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा।

इन नंबरों पर करें संपर्क

इस संदर्भ में जिला बाल संरक्षण अधिकारी तिलक राज आचार्य ने जानकारी देते हुए कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को लगता है कि राकेश उनके परिवार का हिस्सा है या उसका संबंध उनसे है, तो वे हमीरपुर जिला बाल संरक्षण इकाई या महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। ये हैं नंबर-

  • हमीरपुर जिला बाल संरक्षण इकाई- 01972-223344
  • महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय- 01972-225085

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राकेश की आंखों में अब भी जिंदा है उम्मीद

कई सालों से राकेश उस क्षण का इंतजार कर रहा है, जब कोई परिचित चेहरा सामने आए और उसे इस अनजानी दुनिया से अपने घर की चौखट तक ले जाए। वह कहता कुछ नहीं, मगर उसकी खामोशी बहुत कुछ कहती है। हर बार जब कोई नया आगंतुक आश्रम आता है, उसकी आंखें उसी उम्मीद में टिकी रहती हैं-शायद यही कोई अपना हो।

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