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July 4, 2025

हिमाचली बागवानों के लिए खुशखबरी- विदेशी सेब के दाम बढ़ाए, अब इस रेट में होगा इंपोर्ट

बागवानों को लगातार हो रहा था नुकसान

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 Himachal Apple Farmers

शिमला। हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब से विदेशों से आने वाले सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य MIP को बढ़ाकर ₹80 प्रति किलो कर दिया गया है, जो पहले ₹50 प्रति किलो था। हालांकि, 50 प्रतिशत आयात शुल्क यथावत रहेगा। इसका मतलब है कि अब सेब आयात करने वालों को कुल मिलाकर ₹120 प्रति किलो शुल्क देना होगा।

पहली बार 2023 में MIP लगाया था

विदित हो कि, साल 2023 में केंद्र सरकार ने पहली बार सेब पर ₹50 का MIP लगाया था। इसका कुछ असर आयात पर देखने को मिला, लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹80 करने से तुर्किए, ईरान और चिली जैसे देशों से आने वाले सस्ते सेब के आयात में और गिरावट आने की संभावना है।

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खास बात यह है कि अब तक यह सेब अफगानिस्तान के रास्ते बिना शुल्क के भारत लाए जाते थे क्योंकि SAFTA (दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र) संधि के तहत अफगानिस्तान से आयात पर ड्यूटी नहीं लगती। लेकिन MIP लागू होने के बाद सभी को यह शुल्क देना पड़ेगा।

ढाई लाख बागवानों को लाभ

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश में सस्ते विदेशी सेब के आयात से स्थानीय बागवानों को लगातार नुकसान हो रहा था। हिमाचल प्रदेश के ढाई लाख से ज्यादा परिवार सेब की खेती से जुड़े हैं और लंबे समय से वे आयात पर रोक लगाने अथवा शुल्क बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इसका लाभ हिमाचल प्रदेश के अलावा जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उत्पादकों भी मिलेगा।

ऐतिहासिक बताया फैसला

बागवानों ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि, इससे सेब उत्पादकों को उचित मूल्य मिलेगा और सस्ते विदेशी सेब के आयात पर अंकुश लगेगा। वहीं, प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन (PGA) के अध्यक्ष ने कहा कि 80 रुपये MIP तय होना स्वागत योग्य है, लेकिन इम्पोर्ट ड्यूटी को भी 100 प्रतिशत तक ले जाना जरूरी है।

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विरोध के सुर भी हुए तेज

हालांकि, सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने इसे केवल एक छलावा बताया। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार अमेरिका के दबाव में 9 जुलाई को इम्पोर्ट ड्यूटी को 15 फीसदी करने की तैयारी में है और इसी को ढकने के लिए यह MIP का ऐलान किया गया है। उन्होंने MIP को अब तक ज़मीन पर लागू न होने वाला कदम बताते हुए इम्पोर्ट ड्यूटी 100% करने की मांग दोहराई है।

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