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May 23, 2025
हिमाचल : मनरेगा लेबर के लिए खुशखबरी- केंद्र ने जारी किए 248 करोड़, दिसंबर से पेंडिग था भुगतान
मनरेगा कामगारों को राहत, लंबित मजदूरी भुगतान हुआ जारी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के लाखों मनरेगा श्रमिकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने राज्य को मनरेगा योजना के तहत लंबित वेतन भुगतान के रूप में 248 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। यह भुगतान उन मजदूरी भुगतानों का है, जो दिसंबर 2024 से रुके हुए थे। अब प्रदेश भर की पंचायतों में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को उनकी मेहनताना राशि मिलनी शुरू हो जाएगी।
हालांकि यह राहतपूर्ण कदम है, परंतु अभी भी योजना के मैटेरियल कम्पोनेंट (सामग्री) में 52 करोड़ रुपये और प्रशासनिक खर्चों में 9 करोड़ रुपये की देनदारी बाकी है। इसका सीधा असर ग्राम रोजगार सेवकों और तकनीकी सहायकों के वेतन पर पड़ा है, जिन्हें विभाग समय पर भुगतान नहीं कर पा रहा।
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष में हिमाचल ने मनरेगा के अंतर्गत कुल 1534 करोड़ रुपये का कार्य संपन्न किया। लक्ष्य था 300 लाख कार्यदिवसों का, लेकिन मजदूरों ने 395 लाख कार्यदिवस पूरे कर दिए यानी लक्ष्य का 136%। इसके बावजूद 31 मार्च 2025 तक की मजदूरी अटकी हुई थी, जो अब जाकर जारी हो पाई है।
प्रदेश में वर्तमान में 7.16 लाख घरों से जुड़े 10.26 लाख लोग मनरेगा में पंजीकृत हैं और रोजगार की प्रतीक्षा में हैं। हालांकि अगली चुनौती अभी बाकी है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केवल 250 लाख कार्यदिवस ही स्वीकृत किए हैं, जबकि राज्य सरकार ने 417 लाख कार्यदिवसों की मांग रखी थी।
पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि मजदूरी का लंबित भुगतान अब पंचायतों को भेजा जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्य दिवस बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से जल्द ही अलग से बात की जाएगी। बहरहाल, यह फैसला हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक संबल की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। लेकिन अभी भी भुगतान की कुछ श्रेणियां लंबित हैं और कार्य दिवसों की कमी एक नई चुनौती बन सकती है।