#यूटिलिटी
February 22, 2025
हिमाचल: शाम 5 बजे के बाद बिजली हुई गुल... तो मत करना इंतजार; अगले दिन ही आएगी
युक्तिकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी कर रहे वर्क टू रूल के तहत काम
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार और बिजली कर्मचारियों के बीच गतिरोज जारी है। बिजली कर्मचारी इस समय वर्क टू रूल के तहत काम कर रहे हैं। हालांकि सामुहिक अवकाश पर जाने के फैसले को फिलहाल कर्मचारियों ने टाल दिया है, लेकिन उनका वर्क टू रूल के तहत काम जारी रहेगा। इसके अनुसार सुबह 10 से लेकर शाम पांच बजे तक ही बिजली कर्मचारी अपनी सेवाएं देंगे।
ऐसे में अगर हिमाचल के किसी क्षेत्र में शाम पांच बजे के बाद बिजली चली जाती है, या कहीं पर तारें टूट जाती हैं, तो लोगों को बिजली के लिए अगले दिन का इंतजार करना होगा। बिजली कर्मचारी अगले दिन सुबह 10 बजे ड्यूटी पर आने के बाद ही बिजली को ठीक करेंगे। यानी वर्क टू रूल के नियमों के मुताबिक बिजली बोर्ड के कर्मचारी इमरजेंसी में शाम 5 बजे के बाद से अगली सुबह 10 बजे तक अपनी सेवाएं नहीं देंगे।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बिजली कर्मचारियों के लगभग 700 से अधिक पदों को युक्तिकरण कर दिया है। जिसका बिजली कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने बिजली बोर्ड कर्मचारी युक्तिकरण और अन्य मांगों को लेकर सीएम सुक्खू के गृह जिला में एक महा पंचायत का भी आयोजन किया था।
इस महापंचायत में ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने सरकार के खिलाफ अपना गुबार निकाला था, लेकिन इसके बाद भी सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन की तरफ से कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है। नाराज बिजली बोर्ड के कर्मी अब वर्क टू रूल के तहत काम करते रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड में कर्मचारियों के युक्तिकरण को लेकर कर्मचारी संघ ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। जिसमें युक्तिकरण, छंटनी और पदों में कटौती को गलत बताया गया है। जिस पर अदालत ने बिजली बोर्ड के प्रबंधन निदेशक को 15 मार्च से पहले इस मामले का निपटारा करने को कहा है। इसके साथ ही कहा है कि अगर वह फैसला नहीं ले सकते हैं तो इसे प्रदेश सरकार को भेजा जाए। अदालत का कहना है कि बिजली कर्मचारियांे को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए।
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दरअसल वर्क-टू-रूल एक ऑन-द-जॉब एक्शन है, यह एक प्रकार का विरोध है जिसमें कर्मचारी लिखित नियमों, प्रक्रियाओं और अनुबंध में बताए गए नियमों के तहत काम करते हैं। वर्क-टू-रूल का मतलब उस काम को करने से इनकार करना नहीं है जिसे करने के लिए कर्मचारी अपने अनुबंध में सहमत हुए थे, लेकिन कर्मचारी सिर्फ उन्हीं कार्यों को करते हैं जो उनके अनुबंध में लिखे होते हैं। इसके अलावा वे कोई अतिरिक्त या अनौपचारिक काम नहीं करते । जैसे ओवरटाइम, अतिरिक्त जिम्मेदारियां, या जल्दी काम खत्म करना आदि। ऐसे में कर्मचारी नियमों के मुताबिक ही 10 से 5 बजे तक अपनी सेवाएं देते हैं।