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June 22, 2025

हिमाचल : स्कूलों में बरसात की छुट्टियों का शेड्यूल बदला, लोगों ने उठाए सवाल; जानें क्यों

शिक्षा विभाग ने मानसून ब्रेक में किया है बड़ा बदलाव

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govt School Monsoon Break

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल में अहम बदलाव किया है। खासकर जो पहले बरसात की छुट्टियां जुलाई माह में होती थी, अब उन छुट्टियों मंे बदलाव करते हुए नश शेड्यूल जारी किया है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए नए एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार इस साल मानसून की छुट्टियां जुलाई के बजाय अगस्त में पड़ेंगी। बता दें कि जुलाई माह में प्रदेश भर में भारी बारिश के चलते स्कूलों में छात्रों को अवकाश दिया जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने छुट्टियों के शेड्यूल में बड़ा बदलाव किया है।

समय से पहले मानसून ने दी दस्तक

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है, लेकिन प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मानसून ब्रेक अभी एक महीने दूर है। प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए नए एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष मानसून की छुट्टियां जुलाई के बजाय अगस्त माह में निर्धारित की गई हैं। इसका असर अब स्कूलों के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है, क्योंकि वर्तमान में प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश और खराब मौसम के चलते विद्यालयों तक पहुंचना कठिन हो रहा है।

 

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नए कैलेंडर में बदलाव

शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार, विंटर क्लोजिंग स्कूलों में 7 से 12 अगस्त और समर क्लोजिंग स्कूलों में 3 से 12 अगस्त तक मानसून ब्रेक दिया गया है। यह फैसला बीते वर्षों में हुई अव्यवस्थाओं और मानसून की अनियमितता को देखते हुए लिया गया था। लेकिन इस बार की बारिश ने सरकार के इस फैसले पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

जुलाई में होती थी छुट्टियां

इससे पहले पिछले साल तक अधिकतर स्कूलों में जुलाई के आखिरी सप्ताह में ही मानसून अवकाश घोषित किया जाता था, जिससे छात्रों को समय पर राहत मिल जाती थी। अब जबकि बारिश ने पहले ही दस्तक दे दी है, शिक्षकों और स्कूल संगठनों का मानना है कि यदि मौसम की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो यह छुट्टियां छात्रों के लिए व्यावहारिक नहीं रह जाएंगी।

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सुरक्षा और सुविधा पर उठे सवाल

हर साल बारिश के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़कें बंद होने और पुलों के टूटने जैसी घटनाएं आम हैं। ऐसे में छात्र और अभिभावक दोनों ही स्कूल पहुंचने को लेकर चिंतित रहते हैं। कई स्थानों पर बारिश के कारण बच्चों का स्कूल आना.जाना जोखिम भरा हो जाता है। इससे न केवल छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है, बल्कि उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है।

इस बीच शिक्षा विभाग द्वारा समय.समय पर जिला उपायुक्तों को आपदा की स्थिति में छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव करने की अनुमति दी गई है। लेकिन शिक्षक संगठनों का कहना है कि जब पहले से ही मौसम की भविष्यवाणी हो रही है और बारिश शुरू हो चुकी है, तो पूरे प्रदेश के लिए एक आम निर्णय क्यों नहीं लिया जा सकता?

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समय से पहले गर्मी में बदले स्कूल टाइम

गर्मी की शुरुआत में ही प्रदेश में हीट वेव के कारण कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव कर दिया गया था, जिससे सुबह के समय पढ़ाई करवाई जा रही थी। अब जब बारिश का दौर शुरू हो गया है, तो शिक्षकों और अभिभावकों द्वारा दोबारा पुराने शेड्यूल पर लौटने की मांग की जा रही है। 

आंकड़ों और मौसम के आधार पर बनाया शेड्यूल

प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह शेड्यूल मौसम के आंकड़ों और पूर्व अनुभवों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। लेकिन यह भी सच है कि मानसून की अनिश्चितता को देखते हुए यह कहना कठिन है कि अगस्त में दी गई छुट्टियां वास्तव में प्रभावी होंगी या नहीं।

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