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July 26, 2025

हिमाचल में लगातार चार दिन चलेगी कैबिनेट बैठक, राहत पैकेज सहित इन मुद्दों पर अहम फैसलों की उम्मीद

आपदा प्रभावितों लिए विशेष राहत पैकेज सहित इन फैसलों पर लग सकती है मुहर

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Himachal Cabinet Meeting

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का एक और बड़ा व्यवस्था परिवर्तन देखने को मिला है। प्रदेश के मुखिया सीएम सुक्खू ने अभी हाल ही में 24 जुलाई की कैबिनेट बैठक स्थिगित होने के बाद प्रदेश हित में बड़े फैसले लेने के लिए एक साथ चार दिन कैबिनेट बैठक बुला ली है। यह कैबिनेट बैठक लगातार चार दिन तक चलेगी, जिसमें प्रदेश को लेकर कई बड़े फैसले लिए जाएंगे।

जानें कब से कब तक होगी कैबिनेट बैठकें

कैबिनेट बैठक को लेकर आज अधिसूचना जारी की गई है। जिसके अनुसार प्रदेश में 28 जुलाई से लगातार 31 जुलाई तक हर दिन कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी। इन कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता खुद सीएम सुक्खू करेंगे। यह सभी बैठकें प्रदेश सचिवालय में दोपहर 12 बजे शुरू होंगी और दो बजे खत्म हुआ करेंगी। माना जा रहा है कि इन बैठकों में विभिन्न विभागों की प्रगति, नीतिगत बदलाव, और विकास कार्यों की समीक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। राजनीतिक जानकारों के अनुसार यह कदम प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और चुस्त.दुरुस्त बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

 

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इन मुद्दों पर हो सकी है चर्चा

प्रदेश सचिवालय में चार दिन तक चलने वाली कैबिनेट बैठकों में आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और शहरी निकायों में आरक्षण रोस्टर को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। कैबिनेट बैठक में सरकार आपदा पीड़ितों के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है। क्योंकि अभी तक सरकार ने आपदा में बेघर हुए लोगों के लिए किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की है। 

प्राकृतिक आपदा से 1247 करोड़ के नुकसान पर चर्चा

बता दें कि हिमाचल में 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक बादल फटने, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड जैसी घटनाओं से प्रदेश को 1247.47 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1194 घर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 397 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। इसके अलावा 797 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा, 277 दुकानें और 1037 गौशालाएं भी इस आपदा की भेंट चढ़ चुकी हैं। ऐसे हालात में राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज पर विचार करने का फैसला किया है। 

 

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आरक्षण रोस्टर पर भी निर्णायक फैसले की उम्मीद

कैबिनेट की बैठक में एक और अहम मुद्दा शहरी निकायों में आरक्षण रोस्टर से जुड़ा हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की सभी 73 नगर निकायों में आरक्षण रोस्टर लागू करने के आदेश पहले ही जारी कर दिए थे, लेकिन शहरी विकास विभाग द्वारा इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया है। विभाग ने आयोग को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि 24 जुलाई को प्रस्तावित मंत्रिमंडल बैठक में इस मुद्दे को चर्चा हेतु शामिल किया जाए और तब तक स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित सभी कार्रवाइयों को स्थगित रखा जाए।

 

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यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि निकाय चुनावों की तारीख नजदीक है और आरक्षण रोस्टर पर अस्पष्टता से प्रशासनिक एवं राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

अन्य प्रस्ताव भी बैठक में हो सकते हैं पारित

कैबिनेट बैठक में सिर्फ राहत पैकेज और आरक्षण रोस्टर ही नहीं] बल्कि कई अन्य महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर भी निर्णय होने की संभावना है। इनमें प्रमुख रूप से सेब किसानों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य की मंजूरी शामिल है। सरकार सेब उत्पादकों को राहत देने के उद्देश्य से इस पर सकारात्मक फैसला ले सकती है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने, नए पदों के सृजन और कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर भी प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सामने रखे जाएंगे।

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