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February 18, 2025

हिमाचल में बढ़े खाद के दाम, 250 रुपए मंहगी मिलेगी- देखें रेट लिस्ट

बढ़ गई NPK (12-32-16) खाद की कीमतें

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NPK(12-32-16)

शिमला। हिमाचल प्रदेश के किसानों-बागवानों की जेब पर असर पड़ने वाला है। किसानों-बागवानों को आर्थिक रूप से बड़ा झटका लगने वाला है। दरअसल, सुक्खू सरकार ने फसल के लिए इस्तेमाल होने वाली खाद के दाम बढ़ाने का फैसला लिया है।

खाद की बढ़ी कीमतें

आपको बता दें कि सुक्खू सरकार ने हिमफेड की ओर से किसान-बागवानों को दी जाने वाली NPK (12-32-16) खाद की कीमतों को बढ़ा दिया है। अब खाद के यह बढ़े हुए दाम नए सीजन से किसानों-बागवानों को चुकाने होंगे।

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कितने बढ़े दाम?

खाद के बढ़ाए हुए दामों के अनुसार-

 

इस बार किसानों-बागवानों तो 50 किलो की बोरी के लिए 250 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे। जैसे पहले 50 किलो की बोरी 1470 रुपए में मिलती थी। अब किसानों-बागवानों को इसके 1750 रुपए चुकाने होंगे।

क्यों जरूरी है खाद?

NPK (12-32-16) खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम होता है। इस खाद से मिट्टी में फास्फोरस और पोटेशियम की मात्रा सही रहती है। विदित रहे कि, हिमफेड के पूरे हिमाचल में 84 स्टोर है। अभी तक इन स्टोरों में नए उर्वरक की सप्लाई नहीं पहुंची है। स्टोरों में अभी NPK(12-32-16) का पुराना स्टॉक की मौजूद है। ऐसे में यह खाद पुराने दामों पर ही मिलेगी।

 

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किसान-बागवान परेशान

खाद के दामों में बढ़ोतरी ने किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ा दी है। पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे किसान अब बढ़े हुए खर्च के कारण और अधिक आर्थिक दबाव में आ गए हैं। खेती में खाद एक आवश्यक तत्व होता है, जिससे फसलों की उपज बढ़ती है और उनकी गुणवत्ता बनी रहती है। मगर जब खाद महंगी हो जाती है, तो किसानों को कम मात्रा में या बिना खाद के खेती करनी पड़ती है, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होता है।

 

बागवानी करने वाले किसानों को भी इसकी मार झेलनी पड़ रही है। फल और सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए उर्वरकों की आवश्यकता होती है, लेकिन बढ़ती कीमतें उन्हें परेशान कर रही हैं। छोटे और मध्यम वर्ग के किसान इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे पहले ही कर्ज और अन्य आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे होते हैं।

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