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February 18, 2025

हिमाचल के वो देवता साहिब- जो हैं 1000 पहाड़ियों के राजा, कला मांगने पहुंचते हैं देवी-देवता

पवित्रता इतनी अधिक कि पुजारी के सिवा कोई भी नहीं छू सकता

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Dev Shyati Nag

शिमला। देवभूमि हिमाचल में प्रकृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यहां की हर घाटी, हर पर्वत और हर नदी को देवी-देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। मान्यता है कि हिमालय की गोद में स्थित यह प्रदेश देवताओं की कृपा से समृद्ध और पवित्र बना हुआ है।

देवी-देवता को मानते हैं संरक्षक

यहां के लोग देवी-देवताओं को केवल पूजनीय नहीं, बल्कि अपना संरक्षक मानते हैं। प्रत्येक गांव और कस्बे में एक स्थानीय देवता होता है, जिन्हें लोग अपने परिवार के सदस्य की तरह मान-सम्मान देते हैं। ये देवता न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी अभिन्न हिस्सा हैं।

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1000 पहाड़ियों के राजा

आज के अपने इस लेख में हम आपको हिमाचल के ऐसे देवता साहिब के बारे में बताएंगे- जो हैं 1000 पहाड़ियों के राजा। 18 बीमारियों के निवारक इन देवता साहिब को लेकर कहते हैं कि - थोड़े पूछे बोला इन्हा बोइदा , बहु पूछे श्याटा से देउआ।

पुजारी के सिवा नहीं छू सकता कोई

हम बात कर रहे हैं 7 हार 4 बढ़ के आराध्य देवता साहिब श्याटी नाग जी की- जिनके पास कला मांगने कई सारे देवी-देवता पहुंचते हैं। श्याटाधार के आधिपति देव श्याटी नाग की बूंग कोठी में हंसकुंड महाराज के मोहरे भी विराजित हैं- जिनकी पवित्रता इतनी अधिक है कि उन्हें एक पुजारी के सिवा कोई छू भी नहीं सकता। यहां तक कि, फेरी के बाद देव श्याटी नाग जी के रथ को भी कई बार गंगा जल छिड़क कर वापिस कोठी में लाया जाता है।

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लौटे में रखा जाता है पानी

वहीं, जब देव श्याटी नाग जी के तीर्थ जोगी पाथर में देवी-देवता अपनी शक्तियां अर्जित करने पहुंचते हैं- तो यहां एक बड़ी शिला पर पानी से भरे लौटे को रखा जाता है। फिर जब लोटे का पानी उबलने लगता है, तो ये मानते हैं कि देवी-देवताओं को शक्तियां मिल गईं।

 

अनंत शक्ति मानतें हैं लोग

चूंकि, भगवान श्री विष्णु पानी में रहते हैं और श्याटा धार में भगवान शिव की पूजा होती है और इन देवता जी के जोगी पाथर को तीर्थ कहा जाता है। इसलिए कोई उन्हें विष्णु रूप में पूजता है, तो कोई शिव और कोई तीर्थ रूप में। ऐसे में इनके असल स्वरुप को समझे बिना लोग इन्हें अनंत शक्ति मानते हैं।

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महामारियों को कर देते हैं ठीक

वहीं, देवता जी के हंसनु कुंड के नियम भी काफी सख्त हैं- जहां सिर्फ देव श्याटी नाग जी के पाछ्ड़ू ही पूजा कर सकते हैं। कई महामारियों को ठीक करने वाले इन देवता साहिब ने तो कोरोना के टाइम SDM का भी मास्क उतरवा दिया था।

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