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March 18, 2025
बिजली बोर्ड कर्मचारियों को कब मिलेगा OPS, विधानसभा में सुक्खू सरकार ने दी जानकारी
तीन सालों में 248 कर्मचारी एनपीएस के तहत हुए सेवानिवृत्त
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शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के कई कर्मचारी एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 2003 के बाद नियुक्त इन नियमित कर्मचारियों को अभी तक ओपीएस का लाभ नहीं मिला है। यह कर्मचारी अभी भी पुरानी पेंशन यानी एनपीएस राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ही आते हैं। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने कई बार हिमाचल की कांग्रेस सरकार से उन्हें ओपीएस में लाए जाने की मांग की है, लेकिन अभी तक उन्हें ओपीएस के दायरे में नहीं लाया गया है।
दरअसल आज मंगलवार को हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के कर्मचारियों को ओपीएस के दायरे में लाए जाने का मुद्दा उठा था। आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार ने इस पर सुक्खू सरकार से सवाल किया था। जिसके लिखित जवाब में सरकार ने बताया कि इस संदर्भ में विद्युत बोर्ड के स्तर पर प्रस्ताव विचाराधीन है।
सीएम सुक्खू ने लिखित जवाब में कहा है कि हिमाचल प्रदेश में पहली जनवरी 2022 से 20 जनवरी 2025 के बीच हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में कुल 248 कर्मचारी एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त हुए हैं। इनमें से आनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 5 नियमित कर्मचारी इस योजना के तहत सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त हुए इन पांच कर्मचारियों में से दो कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से संबंधित सभी देय भुगतान कर दिया गया है। जबकि तीन अन्य सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। सीएम सुक्खू ने बताया कि यह भुगतान वित्तीय प्रावधानों को पूरा करने के बाद किया जाएगा।
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सीएम सुक्खू ने अपने जवाब में आगे कहा कि इसी अवधी में आनी विधानसभा क्षेत्र से बिजली बोर्ड से 48 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसमें से 18 कर्मचारियों के सभी तरह के भुगतान किए जा चुके हैं। जबकि 30 कर्मचारियों के ग्रेच्युटी भुगतान अभी लंबित हैं। इन 30 कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का बकाया लगभग 3.49 करोड़ रुपए है।
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बता दंे कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस का तोहफा दिया था। लेकिन इसमें बिजली बोर्ड के कर्मचारी शामिल नहीं थे। जिसके बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारी कई बार सुक्खू सरकार से उन्हें भी ओपीएस के दायरे में लाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें ओपीएस के दायरे में नहीं लाया गया है।