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February 20, 2025
हिमाचल में हर चौथे सड़क हाद*से के पीछे नशा, ब्लड सैंपल के आधार पर पुलिस की रपट
नशे में गाड़ी चलाने के मामले में शिमला और ऊना टॉप पर
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में हर चौथे सड़क हादसे के पीछे नशा कर गाड़ी चलाना एक बड़ा कारण बन गया है। पुलिस के ट्रैफिक, टूरिस्ट एवं रेलवे विंग ने पकड़े गए वाहन चालकों की ब्लड सैंपल रिपोर्ट के आधार पर एक रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2024 में हिमाचल में 21,421 सड़क हादसों में 25 प्रतिशत नशे में, खासकर शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले थे।
राज्यभर में 1,000 ड्राइवरों के रक्त नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए, जिनमें से 229 मामलों में अल्कोहल की पुष्टि हुई।
राज्य के सभी जिलों में नशे में वाहन चलाने के मामले सामने आए हैं, लेकिन शिमला और ऊना सबसे अधिक प्रभावित हैं।
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शिमला : जांच के लिए भेजे गए 37 नमूनों में 34 में अल्कोहल की पुष्टि।
ऊना : 48 नमूनों में 30 में अल्कोहल की मौजूदगी पाई गई।
सोलन : 86 में से 32 नमूने पॉजिटिव।
मंडी : 136 में से 20 नमूने पॉजिटिव।
कुल्लू : 69 में से 23 में अल्कोहल मिला।
कांगड़ा : 115 में से 11 नमूनों में अल्कोहल।
वर्ष 2024 में, हिमाचल प्रदेश पुलिस ने गंभीर उल्लंघनों के कारण 2,345 ड्राइविंग लाइसेंसों को निलंबित या रद्द करने की सिफारिश की, जिनमें से लगभग 1,400 मामले शराब पीकर गाड़ी चलाने से संबंधित थे। इसका मतलब यह हुआ ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने का तकरीबन हर दूसरा मामला शराब पीकर गाड़ी चलाने से संबंधित है।
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अब हिमाचल पुलिस ऐसे मामलों में और ज्यादा सख्ती बरतने की योजना बना रही है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत पहली बार पकड़े जाने पर भी आरोपी को जेल भेजा जा सकता है।
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यदि कोई व्यक्ति दोबारा इस अपराध में पकड़ा जाता है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। सरकारी कर्मचारियों पर सख्ती: यदि कोई सरकारी कर्मचारी नशे में वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके विभाग को सूचना देकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।