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September 2, 2025
हिमाचल प्रदेश आपदा प्रभावित राज्य घोषित- आम जनता के लिए क्या है इसमें राहत की बात, जानें
इस मानसून सीजन 3 हजार करोड़ का हुआ नुकसान
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलनों से मचे हाहाकार के बीच राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में घोषणा करते हुए हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया।
CM सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बरसात थमने के बाद यह अधिसूचना वापस लेने पर विचार किया जाएगा। स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया है। CM सुक्खू ने कहा कि आपदा प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वासन के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
फिलहाल, यह ऐलान हिमाचल सरकार की तरफ से किया गया है। लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रभावित राज्य घोषित नहीं किया है। ऐसे में केंद्र से मदद मिलना उसकी मर्ज़ी पर निर्भर करेगा।
इस बार का मानसून प्रदेश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है, जिसमें जान-माल दोनों का भारी नुकसान हुआ है। मानसून शुरू होते ही कई जिलों में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और पहाड़ी दरकने की घटनाओं ने लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून सीजन में अब तक 3,056 करोड़ रुपए का प्रारंभिक नुकसान दर्ज किया जा चुका है। कई सड़कें, पुल, भवन, कृषि भूमि और बाग-बगीचे तबाह हो गए हैं। कई स्थानों पर लोगों को अपने घर छोड़ने तक को मजबूर होना पड़ा।
जब किसी राज्य को आपदा प्रभावित घोषित किया जाता है तो प्रशासन को राहत व बचाव कार्यों के लिए विशेष अधिकार मिल जाते हैं। प्रभावित लोगों को तत्काल राहत सामग्री, मुआवज़ा, अस्थायी आश्रय, स्वास्थ्य सुविधाएं और पुनर्वास योजनाएं मुहैया कराई जाती हैं। साथ ही, सड़कों, पुलों, बिजली-पानी की सप्लाई और मकानों की बहाली के लिए विशेष पैकेज तैयार किया जाता है।
स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट तब लागू होता है जब किसी राज्य में प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है। प्रदेश में इस बार भारी बारिश ने कहर मचा रखा है। राज्य में इस बार सामान्य से 35 प्रतिशत और अगस्त में नॉर्मल से 68 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। इससे जान और माल दोनों को नुकसान हो रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
नकदी सहायता: प्रभावित परिवारों को तत्काल ₹50,000 तक की मदद।
किराया सहायता: शहरी क्षेत्र में ₹10,000/महीना और ग्रामीण क्षेत्र में ₹5,000/महीना (सीमित अवधि के लिए)।
वस्तु सहायता: मुफ्त राशन, LPG, बर्तन और बिस्तर।
पुनर्वास कार्य: रिटेनिंग वॉल, नालों का तटीकरण (VDF), मनरेगा आधारित व्यक्तिगत कार्य।
ऋण राहत: किसानों और प्रभावित परिवारों के कर्ज की पुनर्संरचना।
विशेष मदद: “Child of State” जैसी योजनाओं के माध्यम से बच्चियों और अनाथ बच्चों को सहायता।
CM सुक्खू ने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए इतनी बड़ी तबाही से निपटना आसान नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी विशेष राहत पैकेज की उम्मीद जताई है ताकि प्रभावित परिवारों को उचित मदद पहुंचाई जा सके।