#यूटिलिटी
February 25, 2025
हिमाचल: सुक्खू सरकार के इस कानून को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे कर्मचारी
अनुबंध काल को सीनियरिटी में शामिल न करने का विरोध, नई याचिकाएं तैयार
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के बीते साल दिसंबर में पारित कानून को अनुबंध कर्मचारी हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024 नाम के इस कानून में सरकार ने कर्मचारियों के अनुबंध काल को नियमित होने पर सीनियरिटी में शामिल न करने को कानूनी जामा पहनाया है। अनुबंध कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।
उनका कहना है कि सरकार 2003 के बाद भर्ती कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी कर रही है। नए कानून के अनुसार, 2003 के बाद भर्ती अनुबंध कर्मचारियों को वरिष्ठता और वित्तीय लाभ न देने की बात की गई है। इसके तहत 2003 के बाद ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता का लाभ उनके नियमित होने के बाद ही मिलेगा। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
इससे पहले हिमाचल हाईकोर्ट में जस्टिस ज्योत्सना रिवॉल दुआ की कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि सरकार ने संशोधित विधेयक में कर्मियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं देने का फैसला किया है। साथ ही कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने पर ही तय होगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। इसके बाद कोर्ट में दायर कर्मचारियों की याचिकाओं को हय कहते हुए वापस लिया गया कि याचिकाकर्ता नए सिरे से याचिकाएं दायर करेंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से ये सब याचिकाएं नए कानून बनने से पहले दायर कर दी थीं। अब नई याचिकाएं बनकर तैयार हैं।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल से हटाए कर्मचारियों के मामले में अब 5 मार्च को सुनवाई होगी। विश्वविद्यालय की ओर से हटाए कर्मचारियों में से अभी तक 64 के करीब लोगों ने हाईकोर्ट का रुख किया है। विधि विश्वविद्यालय की ओर से कुछ कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2024 और कुछ को इससे पहले हटाया गया है। इनमें से कुछ कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी और कुछ को आउटसोर्स पर तैनात किया था।