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May 12, 2025
हिमाचल: 606 परिवारों की टूटी उम्मीद, पार्वती परियोजना में गंवा दिया सब कुछ पर नहीं मिला रोजगार
30 गांवों के 606 परिवारों को मिलनी थी नौकरी
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में बनी देश की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना पार्वती परियोजना ने काम करना शुरू कर दिया है। इस परियोजना से पैदा होने वाली बिजली हिमाचल सहित नौ राज्यों को रोशन करेगी। लेकिन इस परियोजना के लिए जिन सैंकड़ों लोगों ने अपनी जमीन, अजीविका और भविष्य दे दिया, वह आज भी रोजगार का इंतजार कर रहे हैं।
25 साल बीत जाने के बाद अब इस परियोजना की टरबाइनें घूमना शुरू हुई हैं और कई राज्य रोशन होने लगे हैं। लेकिन जिन लोगों के भविष्य को अंधेरे में धकेल कर यह परियोजना बनी वह आज भी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। इन लोगों को आज भी राहत एवं पुनर्वास नीति के तहत रोजगार नहीं मिल पाया है।
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दरअसल कुल्लू जिला की सैंज घाटी में 25 साल पहले 31 दिसंबर 1999 को पार्वती परियोजना की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी। उस समय इस परियोजना के लिए स्थानीय लोगों से प्रभावितों को रोजगार और पूरे क्षेत्र के विकास को लेकर बड़े बड़े वादे किए गए थे। लेकिन 25 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह वादे जमीनी हकीकत नहीं बन पाए हैं।
इस परियोजना के लिए 606 परिवार प्रभावित हुए थे। यानी इन परिवारों की जमीन इस परियोजना में गई थी। इन 606 परिवारों को राहत एवं पुनर्वास नीति के तहत रोजगार उपलब्ध करवाना था। लेकिन इसमें अभी तक मात्र 20 परिवारों को ही रोजगार मिल पाया है। एनएचपीसी में रोजगार की उम्मीद में बैठे अन्य प्रभावित परिवार अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
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बता दें कि इस परियोजना के लिए 30 से अधिक गांवों की भूमि को अधिग्रहित किया गया था। यह 30 गांव सैंज, मणिकर्ण और गड़सा घाटी के अंतर्गत आते हैं। इन 30 गांवों की 1208 बीघा भूमि पार्वती परियोजना के लिए अधिकृत की गई थी। जिसमें सबसे अधिक रैला पंचायत प्रभावित हुई थी। यहां के 14 गांवों के सैंकड़ों लोगों की जमीन और घर इस परियोजना में आ गई थी। अधिकतर परिवार भूमिहीन और बेरोजगार हो गए थे।
अब 25 साल बाद यह परियोजना शुरू हो गई है और इसमें बिजली उत्पादन होने लगा है। लोगों का सरकार के प्रति खासा रोष है। प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्होंने सरकार के वादों पर विश्वास करते हुए अपनी जमीन दी थी, लेकिन सरकार ने उनके साथ धोखा किया। पिछले 25 साल से प्रभावितों को सिर्फ सरकारों के आश्वासन ही मिले हैं। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन दे दी, खुद बेरोजगार हो गए, लेकिन उन्हें अब तक नौकरी नहीं मिली। कुछ पीड़ितों का कहना है कि उनका नाम रोजगार लिस्ट में है, लेकिन रोजगार नहीं दिया जा रहा है।
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वहीं इस बारे में परियोजना निदेशक निर्मल सिंह ने कहा कि राहत एवं पुनर्वास नीति के तहत जिन परिवारों को रोजगार देना है, उनका मामला विचाराधीन है। जल्द ही एनएचपीसी इस विषय पर साकारात्मक फैसला लेगी और प्रभावितों को जल्द से जल्द रोजगार मुहैया करवाया जाएगा।
शुरू हुई पार्वती परियोजना
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बता दें कि 800 मेगावाट क्षमत वाली यह परियोजना अब पूरी तरह से शुरू हो गई है। इस परियोजना में अब बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। इस परियोजना से बनने वाली बिजली से हिमाचल सहित 9 राज्यों रोशन होंगे। जिसमें दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, जम्मू.कश्मीर और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। वहीं हिमाचल को 12 फीसदी मुफ्त बिजली मिलेगी।