#धर्म
December 1, 2025
शिमला के जाखू मंदिर में चांदी से होगी नक्काशी : एक ही दानी उठाएगा करोड़ों का खर्चा
गर्भगृह में चमकेगी चांदी, 5.67 करोड़ से होगा कायाकल्प
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक दानकर्ता की अटूट श्रद्धा अब शिमला के ऐतिहासिक जाखू मंदिर की भव्यता में चार चांद लगाने जा रही है। हनुमान जी के एक भक्त ने खुद आगे आकर मंदिर के गर्भगृह को चांदी की नक्काशी से सजाने का प्रस्ताव दिया है। इस अनोखी पहल को प्रशासन ने मंजूरी दे दी है, अब जल्द ही शिमला का सबसे ऊंचा धाम चांदी की चमक से दमकता हुआ नजर आएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस भक्त ने खुद आगे बढ़कर भगवान हनुमान के दरबार को चांदी से सजाने का प्रस्ताव दिया, जिसे न्यास ने मंजूरी दे दी है। नक्काशी का डिजाइन कैसा होगा, यह तय करने के लिए SDM न्यास के सदस्य और जिला भाषा अधिकारी मिलकर काम करेंगे।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डिजाइन मंदिर की प्राचीन पहाड़ी शैली और धार्मिक महत्व के अनुरूप हो। खास बात यह है कि इस भव्य काम का पूरा खर्च सरकार या ट्रस्ट नहीं, बल्कि एक दानकर्ता उठाएंगे।
जाखू मंदिर को विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल बनाने के लिए एक विशाल मास्टर प्लान तैयार किया गया है। हिमाचल PWD द्वारा तैयार किए गए इस प्लान पर करीब 5 करोड़ 67 लाख रुपये खर्च होंगे। इस बजट से मंदिर परिसर में सुविधाओं का अंबार लगाया जाएगा यज्ञशाला का निर्माण धार्मिक अनुष्ठानों के लिए एक विशेष स्थान होगा साथ ही जूतों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था। नए शौचालय ब्लॉक साफ-सफाई और हाईजीन के लिए। प्रसाद और धूप-बारिश से बचने के लिए शेड्स का निर्माण होगा।
भक्तों को अब घर बैठे जाखू मंदिर की जानकारी मिल सकेगी। बैठक में बताया गया कि मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट लगभग बनकर तैयार है। डीसी शिमला ने निर्देश दिए हैं कि इसी सप्ताह के भीतर वेबसाइट को लाइव कर दिया जाए, ताकि देश-दुनिया के लोग डिजिटली मंदिर से जुड़ सकें।
जाखू मंदिर सिर्फ ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि आस्था का एक अटूट केंद्र है। समुद्र तल से 2455 मीटर (करीब 8000 फीट) की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर रामायण काल की गवाही देता है।
मान्यता है कि जब लंका युद्ध में लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे, तो हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने हिमालय की ओर जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने जाखू पर्वत पर विश्राम किया था और ऋषि याकू से मुलाकात की थी। कहा जाता है कि यहाँ आज भी हनुमान जी के पैरों के निशान मौजूद हैं, जहाँ यह मंदिर बना है। मंदिर परिसर में स्थापित हनुमान जी की 108 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा शिमला की पहचान बन चुकी है। यह मूर्ति शिमला के लगभग हर कोने से दिखाई देती है।