#विविध
December 1, 2025
केंद्र ने पकड़ी हिमाचल की चोरी- बहुत ही बड़ा राशन घोटाला हुआ, अब जांच होगी
हिमाचल में NFSA सूची पर बड़ा सवाल
शेयर करें:

शिमला। हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम यानी NFSA के तहत मिलने वाले सस्ते और मुफ्त राशन की पात्रता को लेकर गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि 2,222 ऐसे लोग, जिनकी मृत्यु के प्रमाणपत्र जारी हो चुके हैं अभी भी NFSA लाभार्थी सूची में बने हुए हैं। इसके अलावा 2,918 लाभार्थी वह लोग हैं जो वाहन मालिक हैं फिर भी गरीबों के लिए निर्धारित सब्सिडी वाला राशन प्राप्त कर रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में पंजीकृत 28.24 लाख लाभार्थियों में से 5 लाख 71 हजार 625 लोगों को संदिग्ध श्रेणी में रखा गया है। ये आंकड़े केवल प्रशासनिक चूक ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जड़ों में पैठी खामियों की ओर भी इशारा करते हैं।
इस पूरे मुद्दे को भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गंभीरता से उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की जांच रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि हिमाचल प्रदेश में NFSA की लाभार्थी सूची में बड़े स्तर पर धांधली हुई है
राज्य के फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग की आंतरिक जांच में 40 हजार से अधिक दोहरे पंजीकरण भी उजागर हुए हैं। विभागीय सख्ती के बाद संदिग्धों की संशोधित संख्या 5.32 लाख पर आ गई है, लेकिन उनका सत्यापन अभी जारी है। अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाए कि, 5.32 लाख संदिग्ध लाभार्थी होना एक बेहद बड़ा घोटाला है।
यह सीधे-सीधे गरीबों का हक छीनने जैसा है और करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि राज्य प्रशासन इन अनियमितताओं पर नजर रखता, तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होती।
सांसद अनुराग ठाकुर ने बताया कि NFSA जैसी योजना लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए जीवनरक्षक भूमिका निभाती है। ऐसे में सूची में अपात्र लोगों का शामिल होना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही है बल्कि सामाजिक अन्याय भी है। उन्होंने कहा- जब मृत व्यक्ति लाभार्थी बन जाए, जब वाहनधारी लोग गरीबों का राशन खा जाएं और जब एक ही नाम दो जगह पंजीकृत हो, तो यह स्पष्ट होता है कि सिस्टम में पारदर्शिता की भारी कमी है।
अनुराग ठाकुर ने प्रदेश सरकार से तुरंत कदम उठाने की अपील की है। उनकी हिमाचल सरकार से तीन मुख्य मांगें हैं, जिनमे-
अनुराग ठाकुर ने कहा कि अपात्र लोगों को सूची में शामिल किए जाने के कारण हजारों असली गरीब परिवार अपने हिस्से का राशन नहीं पा रहे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि, इस तरह की धांधली वंचित वर्गों के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। यदि सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो जनकल्याण योजनाओं की भावना कमजोर पड़ जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि जरूरतमंदों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।