#धर्म

December 17, 2025

ना सोना ना चांदी ! हिमाचल के इस मंदिर में चढ़ता है झाड़ू और नमक- चरम रोग होता है ठीक

हर फसल पर अनाज चढ़ाने की भी परंपरा

शेयर करें:

Himachal Devi Devta

ऊना। हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में श्रद्धालु अपनी समस्या का समाधान मांगने जाते हैं। इसके लिए वे देवी या देवता के दरबार में जाकर मन्नत करते हैं। इस दौरान कहा जाता है कि अगर समस्या दूर हो गई यानी मन्नत पूरी हो गई तो भक्त कुछ विशेष चढ़ाने आएंगे।

मंदिर में चढ़ता है नमक और झाड़ू

इस विशेष में कुछ भी हो सकता है- किसी मंदिर में पीला कपड़ा चढ़ाने की मान्यता हो सकती है, कहीं चांदी या सोने के आभूषण चढ़ाने की सुखना की जाती है लेकिन इस सबके बीच नमक और झाड़ू चढ़ाने की परंपरा जरा हटके हैं।

 

यह भी पढ़ें: हिमाचल पहुंचे छत्रधारी चालदा महासू ने करवाया दिव्य उपस्थिति का एहसास, युवती में आई देव शक्ति

चढ़ाया जाता हर फसल का अनाज 

ऊना जिले के चकसराय गुगा के सुप्रसिद्ध गुगा जाहर वीर मंदिर में असंख्य श्रद्धालु पहुंचते हैं। यही वो मंदिर है जहां लोग चढ़ावे के रूप में झाड़ू और नमक लाते हैं। इसके अलावा हर फसल का अनाज भी यहां अर्पित किया जाता है जो लंगर में इस्तेमाल किया जाता है।

यहां आने पर ठीक होगा चरम रोग 

पुजारी बताते हैं कि साल 1858 में गुगा जाहर वीर राजस्थान से यहां आए थे। इसी दौरान उनका फरमान हुआ कि अगर किसी को सांप काट ले, जादू टोना हो जाए या फिर चरम रोग हो जाए तो वो यहां आकर ठीक होगा। 

 

यह भी पढ़ें: हिमाचल में है 28 किमी लंबी रहस्यमयी गुफा- जहां विराजित है शिव परिवार, श्री कृष्ण के विवाह से जुड़ी है कथा

1858 से चल रहा है धार्मिक स्थल

जब कोई ठीक हो जाता है तो भक्त यहां झाड़ू और नमक चढ़ाने आते हैं। पुजारी बताते हैं कि साल 1858 से ये धार्मिक स्थल चल रहा है। ज्यादातर श्रद्धालु यहां चर्म रोग को ठीक करने की कामना करते हैं। 

क्षेत्र में भ्रमण करती डोरू मंडलियां 

इस मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को विभूति प्रदान की जाती है। मोर पंख से बने मुट्ठे से श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया जाता है। पूरे प्रदेश में गुगा जाहर वीर की पूजा होती है। रक्षा-बंधन के दौरान बड़े स्तर पर उनके छत्र लेकर डोरू मंडलियां जगह-जगह भ्रमण कर लोगों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख