#धर्म
December 14, 2025
अकबर ने दी चुनौती- भक्त ने धड़ से अलग किया सिर, जानें ज्वाला जी में नारियल चढ़ाने का रहस्य
अकबर ने ली था ध्यानु भक्त की परीक्षा
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित मां ज्वाला का मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि मां को नारियल चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं लेकिन इस परंपरा के पीछे कोई कहानी ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता।
कहानी ध्यानु भक्त से जुड़ी हुई है जो माता सती के ज्वाला रूप का परम भक्त था। अकबर के शासन के दौरान ध्यानु भक्तों की एक टोली के साथ दिल्ली से मां ज्वाला के मंदिर आ रहा था। इसी दौरान अकबर ने ध्यानु भक्त की परीक्षा ले ली।
अकबर ने ध्यानु से पूछा कि ऐसी क्या वजह है जो तुम ज्वाली जी जा रहे हो। इसके जवाब में ध्यानु कहता है- मां ज्वाला इस दुनिया में सबसे शक्तिशाली हैं और सबकी मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं। ये सुनते ही अकबर ने ध्यानु के घोड़े का सिर काटकर अलग कर दिया।
इसके बाद अकबर ने ध्यानु को चुनौती दी कि अगर तुम्हारी मां ज्वाला इतनी ही शक्तिशाली है जो घोड़े का सिर दोबारा जोड़कर लाओ। ऐसे में ध्यानु मां ज्वाला के दरबार पहुंचा और दिन रात तपस्या करने लगा लेकिन मां ज्वाला ने ध्यानु को दर्शन नहीं दिए।
आखिर में ध्यानु ने मां को प्रसन्न करने के लिए अपना सिर काटकर मां को अर्पित कर दिया। तभी ध्यानु को मां ज्वाला शेर पर सवार होकर दिखीं। मां के विशाल रूप को देखकर ध्यानु प्रार्थना करने लगा और मां ने ध्यानु भक्त और उसके घोड़े के सिर वापस जोड़ दिए।
इसके बाद मां ज्वाला ने ध्यानु से कहा कि भविष्य में कोई ऐसा काम ना करे, इसके लिए एक तोड़ बताती हूं। जो भी भक्त मां को शु्द्ध नारियल अर्पित करेगा उसकी मुरादें अपने आप पूरी हो जाएंगी। यही वजह से थी कि मां के दरबार में नारियल चढ़ाया जाने लगा था।