#अपराध
December 14, 2025
IGMC में बड़ा कांड : जूनियर डॉक्टरों को परेशान कर रहे थे सीनियर- शिकायत करने पर हुए सस्पेंड
50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के युवा अपनी मेहनत और पढ़ाई के बूते नए आयाम स्थापित करना चाहते हैं। जिसके चालते वे बड़े-बड़े नामी संस्थानों में वर्षों के परिश्रम के बाद दाखिला हासिल करते हैं। मगर कई बार कुछ युवाओं के साथ रैगिंग जैसी घटनाएं सामने आती हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान यानी इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से सामने आया है। जहां स्पताल प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लेते हुए दो सीनियर डॉक्टरों को जुर्माने के साथ निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, अस्पताल परिसर में एक जूनियर डॉक्टर के साथ कथित तौर पर रैगिंग किए जाने का आरोप दो सीनियर डॉक्टरों पर लगा है। बताया जा रहा है कि यह घटना करीब तीन दिन पहले की है, जिसकी जानकारी मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लिया।
मामले की जांच के बाद IGMC कॉलेज की रैगिंग कमेटी ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना। रैगिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मलाय सरकार ने बताया कि शिकायत मिलते ही अस्पताल प्रबंधन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपी सीनियर डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि भले ही यह घटनाक्रम कुछ ही मिनटों तक चला हो, लेकिन संस्थान में इस तरह के व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि IGMC में पढ़ाई और प्रशिक्षण का माहौल बनाए रखने के लिए रैगिंग के खिलाफ सख्त नीति अपनाई गई है। किसी भी स्तर पर जूनियर डॉक्टरों या छात्रों के साथ दुर्व्यवहार को गंभीर अपराध माना जाता है और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाती है।
गौरतलब है कि IGMC शिमला में इससे पहले भी रैगिंग से जुड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वर्ष 2019 में भी एक जूनियर डॉक्टर के साथ सीनियर डॉक्टरों द्वारा मारपीट और दुर्व्यवहार का मामला उजागर हुआ था।
उस समय ड्यूटी शेड्यूल को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था, जिससे अस्पताल के मेल मेडिसिन वार्ड में मरीजों और उनके तीमारदारों के बीच अफरा-तफरी मच गई थी। उस मामले में भी तत्काल कार्रवाई करते हुए दो सीनियर डॉक्टरों को निलंबित किया गया था और उन पर जुर्माना लगाया गया था।