#धर्म
November 15, 2025
हिमाचल के ऐसे गांव- जहां ढूंढने पर भी नहीं मिलता कूड़े का तिनका, बना चुके हैं कई रिकॉर्ड
हिमाचल के स्वच्छ गांव बने देश के लिए मिसाल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुछ गांव स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में पूरे देश के लिए मॉडल बन गए हैं। ऐसे गांवों में ढूंढने पर भी कूड़े का तिनका नहीं मिलता और सड़कें सिर्फ रास्ते नहीं, बल्कि साफ-सुथरी आदतों की जीवंत मिसाल हैं।
सोलन जिले का बगौर गांव स्वच्छता के क्षेत्र में पूरे भारत के लिए उदाहरण बन गया है। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में इसे भारत का सबसे साफ और सुंदर गांव चुना गया। 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पंचायत प्रधान को सम्मानित किया। यहाँ सर्वे टीम को न कूड़ा, न बदबू, न गंदगी मिली। पूरा गांव साफ-सुथरा और व्यवस्थित था।
लाहौल-स्पीति का कौमिक गांव, जो 15 हजार फीट की ऊंचाई पर बसा है, चारों ओर बर्फीले पहाड़ों, नीले आसमान और शांति से घिरा हुआ है, यहाँ के लोग पर्यावरण के साथ संतुलन बनाए रखते हुए जीवन जीने का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
छितकुल, नाको, गियू और ताबो जैसे गांव भी प्रदेश के स्वच्छता मानक पर खरे उतरते हैं। यहाँ लोग प्रकृति और पर्यावरण के साथ जुड़कर जीवन जीते हैं। हिमाचल के ये गांव यह संदेश देते हैं कि स्वच्छता सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है।