#धर्म
April 27, 2025
हिमाचल के वो देवता साहिब- जो कुंडली ना मिलने पर भी करवा देते हैं शादी
दरबार में लगी रहती लव मैरिज करने वालों की लाइन
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शिमला। देवभूमि हिमाचल के लोग देवी-देवताओं के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। यह आस्था केवल धार्मिक विश्वास तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके संपूर्ण जीवन और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोग अपने इष्ट देवता को परिवार का अभिन्न अंग मानते हैं और किसी भी शुभ कार्य, संकट या निर्णय के समय उनकी सलाह लेना आवश्यक समझते हैं।
हिमाचल के लोगों के लिए देवी-देवता केवल आराध्य नहीं, बल्कि जीवन की शक्ति और मार्गदर्शक हैं, जो उन्हें हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। प्रदेश के हर गांव और क्षेत्र का अपना एक प्रमुख इष्ट देवता या देवी होती है, जिनकी नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। कई स्थानों पर देवता की पालकी को उठाकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। हिमाचल की धार्मिक आस्था विभिन्न उत्सवों, लोक नृत्यों और परंपराओं में भी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
आज के अपने इस लेख में हम आपको हिमाचल के एक ऐसे देवता साहिब के बारे में बताएंगे- जो कुंडली ना मिलने पर भी शादी करवा देते हैं। ऐसे में इन देवत साहिब के दरबार में लव मैरिज करने वालों की लाइन लगी रहती है।
ये देव बड़ादेव कमरुनाग के सबसे बड़े बेटे हैं- जो स्वयं में 18 व्याधियों के भंडारी, 4 वेदों और समस्त शास्त्रों के भी ज्ञाता हैं। हम बात कर रहे हैं मंडी के बन्युरगढ़ में विराजित- देवता साहिब बाला कामेश्वर बन्युरी जी की- जिन्हें लगन जोड़ने का विधाता माना जाता है। इनके भक्त उन्हें 9 हारियों और 14 गढ़ों के आराध्य होने के नाते 'गढ़िया' कहकर भी संबोधित करते हैं।
देवता साहिब की सबसे खास बात ये है कि 12 कमेश्वारों में सबसे बड़े देवता बाला कमेश्वर साहब कुंडली में बाधा होने के बाद भी कई हजारों विवाह करवा चुके हैं। बताते हैं कि देवता जी के विशेष नियमों का पालन करने पर देवता जी बिना कुंडली मिलान के अपने दरबार में ही स्वयं समय और तिथि निर्धारित करके विवाह करवा देते हैं।
अगर कोई इन नियमों की पालना नहीं करता तो ऐसी सूरत में उसे माफी नहीं सिर्फ दंड ही मिलता है। वहीं, इन देवता जी को ब्रह्मा, विष्णु, महेश का स्वरूप माना जाता है और ये देव बिजू के नाम से प्रसिद्ध हैं, क्योंकि ये साफ आसमान से भी बारिश करवा सकते हैं।
भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले ये देवता जी इतने शक्तिशाली हैं कि लोग सूखा पड़ने पर भी इनसे बारिश की प्रार्थना करने से कतराते हैं। मान्यता है कि अगर इन्हें विवश किया जाए या ये क्रोधित हो जाएं, तो बारिश रौद्र रूप ले लेती है, जिससे तबाही की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए भक्त इनसे बड़ी सावधानी और श्रद्धा से ही कुछ मांगते हैं।