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October 14, 2025

हिमाचल के इस शक्तिपीठ में हुआ चमत्कार: चरणामृत पीते ही बोलने और सुनने लगा गूंगा-बहरा युवक

डॉक्टरों ने छोड़ दी थी उम्मीद, तो बेटे को लेकर मंदिर पहुंचा था परिवार

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Mata Chintpurni

चिंतपूर्णी। देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में कई शक्तिपीठ हैं। इन शक्तिपीठों में आने वाले कई भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की अनगिनत कहानियां सुनने को मिलती हैं। ऐसी ही एक चमत्कारी घटना ने सोमवार को ऊना जिला के अंब में स्थित मां चिंतपूर्णी मंदिर में हर किसी को भावविभोर कर दिया। पंजाब के होशियारपुर जिले से आए एक श्रद्धालु परिवार के लिए यह दिन जिंदगी का सबसे बड़ा वरदान लेकर आया। उनका 35 वर्षीय गूंगा और बहरा बेटा अचानक बोलने लग पड़ा।

मां चिंतपूर्णी के दरबार में चमत्कार

मां चितंपूर्णी के मंदिर में हुई इस चमत्कारी घटना से ना सिर्फ युवक और उसका परिवार, बल्कि वहां मौजूद अन्य भक्त और खुद मंदिर पुजारी भी हैरान रह गए। इस अलौकिक दृश्य ने मंदिर परिसर में मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं को स्तब्ध कर दिया और कुछ ही पलों में मंदिर जय माता दी के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा।

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डाक्टरों ने छोड़ दी थी उम्मीद

जानकारी के अनुसार सरजू शर्मा नामक युवक पिछले तीन महीनों से डीएमसी लुधियाना में इलाज करवा रहा था। डॉक्टरों ने परिजनों को साफ कह दिया था कि उसके ठीक होने की संभावना बेहद कम है। बचपन से ही सुनने में परेशानी झेल रहे सरजू की पिछले कुछ महीनों में आवाज और सुनने की क्षमता पूरी तरह खत्म हो गई थी। परिवार ने हर संभव इलाज करवाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।

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हर तरफ से ना उम्मीद होकर मां की शरण में आया था परिवार

सोमवार को सरजू के पिता बृज भूषण शर्मा जो एक रिटायर्ड कर्मचारी हैं और उनकी मां रीतू शर्मा बेटे को लेकर हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी मंदिर पहुंचे। मंदिर में दर्शन के दौरान दोनों माता.पिता की आंखों से आंसू बह निकले। उन्होंने वहां मौजूद पुजारी और सुरक्षाकर्मियों से अपनी व्यथा साझा की और कहा कि वे अब केवल माता रानी की शरण में आए हैं।

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चरणामृत पीते ही बोलने सुनने लगा गूंगा बहरा युवक

मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों और पुजारियों ने उन्हें श्रद्धा भाव से माता का चरणामृत लेकर बेटे को पिलाने की सलाह दी। माता-पिता ने मंदिर प्रांगण में बैठकर चरणामृत सरजू को दिया। कुछ ही क्षण बाद जो हुआ उसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। मां का चरणामृत पीने के बाद सरजू ने अचानक पहली बार आवाज निकाली और आसपास के लोगों की बातों पर प्रतिक्रिया भी दी।

इस घटना के बाद मां के जयकारों से गूंजा मंदिर

इस अनोखे दृश्य को देख ना सिर्फ पीड़ित परिवार बल्कि वहां भारी संख्या में मौजूद श्रद्धालु भी स्तब्ध रह गए। कोई खुशी से झूम उठा तो कोई भावुक होकर आंसू पोंछने लगा। मंदिर में एक पल के लिए सन्नाटा और अगले ही पल जयकारों की गूंज गूंजने लगी। सरजू के पिता बृज भूषण शर्मा ने भावुक होते हुए कहा कि मां चिंतपूर्णी हमारी आखिरी उम्मीद थीं।

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आज माता ने हमारी झोली खुशियों से भर दी है। डॉक्टर जहां उम्मीद छोड़ चुके थे, वहीं माता रानी ने हमारे बेटे को नया जीवन दे दिया। घटना की खबर देखते ही देखते पूरे मंदिर परिसर में फैल गई। श्रद्धालु इस चमत्कार को देखने के लिए जुटने लगे। देर शाम आरती के समय यह परिवार माता के चरणों में सिर झुकाकर कृतज्ञता प्रकट करता दिखाई दिया। 

हिमाचल के शक्तिपीठों में आते हैं लाखों श्रद्धालु

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है और यहां के शक्तिपीठों में लाखों श्रद्धालु अपनी मुरादें लेकर आते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि सच्चे मन से मां को पुकारने पर कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती। पंजाब के इस परिवार की पूरी हुई मुराद ने एक बार फिर आस्था की इस मान्यता को और मजबूत कर दिया है। मां चिंतपूर्णी मंदिर प्रशासन ने भी इस घटना की पुष्टि की है। मंदिर के पुजारियों ने कहा कि हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और कई बार ऐसी अविश्वसनीय घटनाएं देखने को मिलती हैं, जिन्हें शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है।

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