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September 8, 2025
सुक्खू सरकार कल PM मोदी को हिमाचल की आपदा पर देगी प्रेजेंटेशन, मांगेंगे विशेष राहत पैकेज
9 सितंबर को धर्मशाला में बड़ी बैठक करेंगे पीएम मोदी
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धर्मशाला/शिमला। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं से हुए व्यापक नुकसान से जूझ रहा है और अब राज्य को केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की दरकार है। इस सब के बीच कल यानी मंगलवार 9 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिमाचल के दौरे पर आ रहे हैं।
शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पहले आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, जिसके बाद धर्मशाला में बैठक करेंगे। इस बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें हिमाचल में आपदा से हुए नुकसान की एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दी जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि सरकार प्रधानमंत्री के समक्ष विशेष राहत पैकेज की मांग के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाएगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद सर्वेक्षण करेंगे व परिस्थितियों का जायजा लेंगे। धरातल पर जाकर जब परिस्थितियों का जायजा लेंगे तो ज्यादा जानकारी मिलेगी।
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मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि हिमाचल को हाल की प्राकृतिक आपदाओं से अब तक लगभग 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सैकड़ों सड़कें, मुख्य मार्ग, पुल, पेयजल व सिंचाई योजनाएं और बिजली परियोजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पंचायत स्तर पर बुनियादी ढांचे का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब नुकसानों की जानकारी एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रधानमंत्री को दी जाएगी।
आपदा के कारण कई लोग अपनी जमीनें खो चुके हैं और अब भूमिहीन हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार प्रधानमंत्री से वन अधिकार अधिनियम (Forest Rights Act) में छूट देकर इन प्रभावितों को एक बीघा जमीन आवंटित करने की मांग करेगी, ताकि वे पुनर्वास के लिए मकान बना सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैदानी राज्यों के नियम पहाड़ी राज्यों पर लागू नहीं किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से वित्तीय नियमों में बदलाव की भी मांग की जाएगी। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मैदानों में एक किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए जहां 75 हजार रुपये मिलते हैं, वहीं हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में इस राशि से केवल 10 मीटर सड़क भी बनाना मुश्किल है। ऐसे में हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्यों के लिए अलग मानक तय किए जाने चाहिए।
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राज्य सरकार ने एक विस्तृत ज्ञापन तैयार किया है, जिसे धर्मशाला में प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा। इस ज्ञापन में राहत राशि के त्वरित वितरण की अपील के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय सहायता की मांग भी शामिल होगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद वे मंगलवार शाम दिल्ली रवाना होंगे, जहां वे 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया से तीसरी बार मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का उद्देश्य हिमाचल के हितों की मजबूती से पैरवी करना है। उन्होंने कहा कि "अगर हिमाचल को राजस्व घाटा अनुदान (Revenue Deficit Grant - RDG) में पर्याप्त हिस्सा मिला, तो वर्ष 2026 से अगले पांच साल राज्य की आर्थिक स्थिति को स्थिर किया जा सकेगा।"
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दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री की योजना अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करने की है। वे आपदा राहत के लिए स्पेशल पैकेज की मांग दोहराएंगे और विभिन्न विभागों से अतिरिक्त बजट व परियोजनाओं की मंजूरी के लिए प्रयासरत रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को एक महत्वपूर्ण अवसर मान रही है। राज्य प्राकृतिक आपदाओं के चलते जिस गंभीर संकट से गुजर रहा है, उसके मद्देनजर यह दौरा न सिर्फ एक सांकेतिक सहयोग है, बल्कि इसके माध्यम से वास्तविक राहत और दीर्घकालिक नीतिगत बदलाव की भी उम्मीद बंधी है। अब देखना यह होगा कि प्रधानमंत्री के इस दौरे से प्रदेश को क्या ठोस मदद मिल पाती है।