#राजनीति
March 20, 2025
12 महीने खुला रहेगा पांगी का रास्ता : हिमाचल के सांसद की नितिन गडकरी से डिमांड
सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से की मुलाकात
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शिमला। राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर चंबा जिले की दुर्गम पांगी घाटी के चैहणी जोत में सुरंग निर्माण की मांग उठाई। इस दौरान उन्होंने एक मांग पत्र सौंपते हुए केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि पांगी घाटी के निवासियों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में उनका जीवन बेहद संघर्षपूर्ण है।
सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने नितिन गडकरी को बताया कि पांगी घाटी में सड़कें जर्जर हालत में हैं और उचित स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अभाव है।
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गंभीर बीमारियों या अन्य आवश्यकताओं के लिए स्थानीय लोगों को चंबा मुख्यालय आना पड़ता है, लेकिन हर साल भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों में घाटी का संपर्क छह महीने तक कट जाता है।
पांगी घाटी पहुंचने के लिए यात्रियों को लगभग 15,000 फीट ऊंचे साच पास से गुजरना पड़ता है, जो सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हो जाता है। इस कारण, पांगी के लोगों को चंबा पहुंचने के लिए वाया जम्मू या फिर लाहौल-स्पीति, अटल टनल रोहतांग, मनाली और कुल्लू होते हुए 500 से 700 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है। यह यात्रा न केवल अत्यधिक समय लेने वाली और खर्चीली है, बल्कि मरीजों और आपातकालीन मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
यदि चैहणी जोत में सुरंग का निर्माण किया जाता है, तो इससे पांगी घाटी का संपर्क सालभर चंबा से बना रहेगा। यह सुरंग न केवल स्थानीय लोगों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम साबित होगी।
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने डॉ. सिकंदर कुमार की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस परियोजना को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि वह पांगी घाटी की भौगोलिक परिस्थितियों से परिचित हैं और इस क्षेत्र के लोगों की कठिनाइयों को समझते हैं। इस मांग को जल्द पूरा करने के लिए संबंधित विभाग को डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के निर्देश दिए जाएंगे।
यह पहली बार नहीं है जब राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने इस सुरंग निर्माण की मांग उठाई हो। 10 मार्च 2025 को भी उन्होंने संसद में इस विषय को प्रमुखता से रखा था। वे लगातार हिमाचल प्रदेश के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को संसद और केंद्रीय मंत्रियों के सामने उठाकर प्रदेश की प्रगति के लिए कार्य कर रहे हैं।
1. पांगी घाटी का सालभर सड़क संपर्क बना रहेगा।
2. स्थानीय लोगों को समय और खर्च की बचत होगी।
3. आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं तक जल्दी पहुंचने में मदद मिलेगी।
4. राज्य की पर्यटन और व्यापारिक संभावनाएं बढ़ेंगी।
5. सुरक्षा की दृष्टि से भी यह सुरंग रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होगी।
केंद्रीय मंत्री गडकरी के आश्वासन के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही सुरंग निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करवाकर इस महत्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाएगी। यदि यह योजना साकार होती है तो, पांगी घाटी के निवासियों के लिए ऐतिहासिक परिवर्तन साबित होगी।