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March 20, 2025

विमल नेगी मामला: CM सुक्खू के जवाब से तपा सदन, नोकझोंक के बीच विपक्ष ने किया वॉकआउट

सीएम सुक्खू के जवाब से नाराज विपक्ष ने किया वॉकआउट सीबीआई जांच मांगी

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हिमाचल विधानसभा: विमल नेगी मामले पर तीखी नोकझोंक, विपक्ष ने किया वॉकआउट

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी के मामले में आज एक फिर हंगामा हुआ। आज तीसरा दिन है, जब विधानसभा में विमल नेगी का मामला गूंजा है। आज गुरुवार को विपक्ष ने सदन की कार्रवाई की शुरूआत से पहले ही स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर विमल नेगी की मौत मामले पर चर्चा की मांग की। लेकिन स्पीकर ने विपक्ष के इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया। जिस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया और सदन से वॉकआउट कर दिया।

बात का बतंगड़ बनाना भाजपा की आदत

दरअसल संसदीय कार्य मंत्री हर्ष मंत्री चौहान ने कहा कि विमल नेगी मामले को भारतीय जनता पार्टी ने भड़काया है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि  सीबीआई भाजपा के इशारे पर काम करती है। सदन में इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी-नोकझोंक हुई। आखिर में सीएम सुखविंदर सुक्खू बोलने के लिए खड़े हुए, उन्होंने कहा कि बात का बतंगड़ बनाना भाजपा की आदत बन गई है। जिस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया और नारेबाजी करते करते हुए सदन से बाहर चले गए।

 

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विपक्ष ने विमल नेगी मामले की मांगी सीबीआई जांच

विपक्ष ने सीएम सुक्खू के बयान पर हैरानी जताई और कहा कि आखिर सरकार विमल नेगी मामले में सीबीआई की जांच क्यांे नहीं करवाना चाहती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मौत मामले में कई सवाल सामने आ रहे हैं। जिस पर विपक्ष सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविदंर सिंह सुक्खू ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। 

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क्या बोले जयराम ठाकुर 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के चार मंत्री धरना स्थल पर पहुंचे और धरना खत्म करने का दबाव बनाया गया। जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी के परिजनों ने तीन अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं, लेकिन एफआईआर में एक ही अधिकारी का नाम दिया गया है। अन्य अधिकारियों को बचाने के लिए मात्र उनके पद को एफआईआर में मेंशन किया गया है।

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कुछ अधिकारियों को बचाना चाहती है सरकार

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एचपीपीसीएल की कार्यप्रणाली पिछले लंबे समय से विवादों में रही है इसलिए इस सारे मामले पर सीबीआई जांच होनी चाहिए। एक ईमानदार अधिकारी को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा था यह सवाल हैं जिनका जवाब सरकार को देना होगा।

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