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October 3, 2025
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने ठुकराया कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद, कारण जान चौंक जाएंगे आप
डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया, वह प्रदेश अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं
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मंडी। हिमाचल कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चल रही सियासी खींचतान के बीच अब उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। कुलदीप सिंह राठौर की ही तरह अब मुकेश अग्निहोत्री ने भी प्रदेश अध्यक्ष बनने से साफ इंकार कर दिया है। जिसकी उन्होंने हाईकमान को वजह भी बता दी है। मुकेश अग्निहोत्री के इस फैसले के बाद अब एक बार फिर प्रदेश में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर सियासी गुटबाजी देखने को मिल सकती है।
दरअसल मंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने साफ कर दिया है कि वह इस जिम्मेदारी को संभालने के इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने जरूर उन्हें यह प्रस्ताव दिया था, लेकिन व्यक्तिगत परिस्थितियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को देखते हुए उन्होंने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया। अग्निहोत्री ने कहा कि पत्नी के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं और इस समय उनकी प्राथमिकता बेटी व परिवार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर वह पहले से ही अपनी भूमिका निभा रहे हैं और आगे भी पूरी निष्ठा के साथ निभाते रहेंगे।
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गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर पहले से ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उपाध्यक्ष पद के लिए नाम सामने आने के बाद पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर भी इस जिम्मेदारी से किनारा कर चुके हैं। अब मुकेश अग्निहोत्री द्वारा भी प्रस्ताव ठुकराने के बाद संगठनात्मक खेमे में नई हलचल शुरू हो गई है।
मंडी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने पूर्व भाजपा सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के तहत हिमाचल को मिले पैसों का दुरुपयोग किया गया। लगभग 120 करोड़ रुपये विश्राम गृह बनाने में खर्च कर दिए गए, जिसके चलते केंद्र ने मौजूदा फंडिंग में कटौती कर दी है। अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल को इस योजना के तहत 1200 करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन फिलहाल यह राशि रोक दी गई है और केंद्र सरकार जांच कर रही है।
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उन्होंने बताया कि शहरी उपभोक्ताओं को राहत देते हुए सरकार ने पुराने बकाया बिलों की वसूली फिलहाल रोक दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी फिलहाल बिलों की रिकवरी नहीं की जाएगी। अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र चाहता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिल पंचायतों के माध्यम से जारी और एकत्रित किए जाएं। प्रदेश सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा रही है और जल्द ही व्यवस्था को लागू किया जाएगा।