#राजनीति
November 15, 2025
मंत्री विक्रमादित्य के विभाग का बड़ा फैसला: काम में देरी हुई तो ठेकेदार को नहीं मिलेंगे पूरे पैसे
ठेकेदार को अधिकतम 20 प्रतिशत अतिरिक्त राशि ही मिलेगी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग PWD के कामों में हो रही लगातार देरी पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मंत्री विक्रमादित्य सिंह के विभाग ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि अब काम में देरी होने पर ठेकेदार की राशि काटी जाएगी। सरकार के इस फैसले के पीछे निर्माण कार्यों में हो रही देरी पर अंकुश लगाना है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि अब किसी भी निर्माण कार्य की देरी होने पर ठेकेदार को स्वीकृत टेंडर राशि पर अधिकतम 20 प्रतिशत तक ही भुगतान की मंजूरी मिलेगी। इससे पहले यह सीमा 10 प्रतिशत थी। लोक निर्माण विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं को आदेश भेजते हुए निर्देश दिया है कि यह व्यवस्था तुरंत प्रभाव से लागू की जाए। विभाग का यह कदम राज्य में सड़कों, भवनों और अन्य विकास परियोजनाओं में समयबद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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दरअसल प्रदेश में लंबे समय से यह समस्या रही है कि अधिकतर निर्माण कार्य-चाहे सड़कें हों, पुल हों या सरकारी भवन समय पर पूरे नहीं हो पाते। जिसके चलते इन निर्माण कार्यों की लागत कई गुना बढ़ जाती है। जिस पर अंकुश लगाने के लिए ही प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने यह बड़ा निर्णय लिया है, ताकि ठेकेदार समय पर अपना काम पूरा करें और निर्माण कार्यों की ना तो लागत बढ़े और जनता को भी समय पर सुविधा मिल सके।
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निर्माण कार्यों में देरी के कई कारण बताए जाते रहे हैं। जिसमें वन अनुमति और अन्य स्वीकृतियों में विलंब होना। या फिर स्थानीय लोगों के विरोध के चलते भी निर्माण कार्य में देरी होती है। इसके अलावा तकनीकी बाधाएं भी निर्माण कार्य को लंबित कर देती है। वहीं कई मामलों में ठेकेदारों की लापरवाही इसका मुख्य कारण माना जाता है। इन सभी कारणों से परियोजनाओं की लागत मूल मूल्य से कई गुना बढ़ जाती है और सरकार को भारी आर्थिक भार उठाना पड़ता है।
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सरकार के नए निर्देशों के अनुसार यदि किसी जायज कारण से काम में देरी भी होती है, तो ठेकेदार को टेंडर की मूल राशि का 20 प्रतिशत से अधिक अतिरिक्त भुगतान नहीं दिया जाएगा। उदाहरण के तौर परकृ यदि किसी परियोजना की टेंडर वैल्यू 100 रुपये है, तो देरी की स्थिति में अधिकतम भुगतान 120 रुपये तक ही होगा। अधिकारियों का कहना है कि नई व्यवस्था से देरी करने वाले ठेकेदारों पर लगाम लगेगी। वहीं परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी। काम के समय पर होने से अनावश्यक लागत वृद्धि पर भी रोक लगेगी और सरकारी खजाने का नुकसान कम होगा।
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मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि विभाग का यह निर्णय राज्य की विकास योजनाओं को तेज गति देने के लिए लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा अब देरी को किसी भी हाल में प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। काम समय पर पूरा करना ठेकेदार की जिम्मेदारी है और सरकार अब समयबद्धता पर समझौता नहीं करेगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में डिफॉल्टर ठेकेदारों पर और भी कड़े प्रावधान लागू किए जा सकते हैं।