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February 27, 2025
मंत्री अनिरुद्ध का तंज: कहां पैदा हुए नरेंद्र मोदी? जहां इलेक्शन-वहीं बता देते हैं अपना घर
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध का PM मोदी पर तंज
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर राजनीतिक अवसरवादिता का आरोप लगाया। गुरुवार को शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री हर चुनावी राज्य में खुद को वहीं का नागरिक बताने लगते हैं और उस राज्य के खान-पान व संस्कृति की बात करने लगते हैं।
मीडिया से बातचीत में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी को खुद भी नहीं पता कि वह कहां पैदा हुए हैं। बिहार में चुनाव हो रहे हैं तो अब वह कह रहे हैं कि वह वहीं पैदा हुए थे।
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जिस राज्य में चुनाव होते हैं, वह वहीं के नागरिक हो जाते हैं। वहीं का खाना-पीना पसंद करने लगते हैं।" उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री हिमाचल आते हैं तो यहां की सेपू बड़ी को अपना पसंदीदा आहार बताते हैं लेकिन बिहार में चुनाव आते ही वहां के पारंपरिक व्यंजनों की तारीफ करने लगते हैं।
इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली राजस्व घाटा अनुदान (Revenue Deficit Grant - RDG) में कटौती को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2021-22 में हिमाचल को केंद्र से 10,300 करोड़ रुपए की सहायता मिल रही थी जो 2025-26 में घटकर केवल 3,257 करोड़ रुपए रह जाएगी। उन्होंने इस कटौती को संघीय ढांचे के खिलाफ बताया और कहा कि यह राज्य की वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर डालेगा।
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अनिरुद्ध सिंह ने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2017 के बाद से हर साल 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का GST मुआवजा मिल रहा था लेकिन जुलाई 2022 में केंद्र सरकार ने इसे भी बंद कर दिया। मंत्री ने आरोप लगाया कि हिमाचल की पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को चुनावी फायदे के लिए नुकसान पहुंचाया।
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उन्होंने कहा, जब हिमाचल को 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व घाटा अनुदान और 3,000 करोड़ रुपए का GST मुआवजा मिल रहा था तब भी भाजपा सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों का एरियर नहीं चुकाया। उल्टा, चुनाव जीतने के लिए 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की मुफ्त रेवड़ियां बांटकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया।
अनिरुद्ध सिंह ने केंद्र सरकार पर आपदा प्रबंधन में भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश को सदी की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा लेकिन केंद्र सरकार से राज्य को एक भी पैसा राहत राशि के रूप में नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि जब राज्य इतनी मुश्किल परिस्थितियों से गुजर रहा था तब भी केंद्र सरकार ने कोई वित्तीय सहायता नहीं दी। जिससे प्रदेश सरकार को अपने सीमित संसाधनों से ही आपदा राहत कार्यों को पूरा करना पड़ा।