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March 28, 2025
हिमाचल बजट सत्र का आज आखिरी दिन- जानें सदन में क्या-क्या हुए बड़े ऐलान
हिमाचल बजट सत्र 2025: नीतियों और मुद्दों का विश्लेषण
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को संपन्न होगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को पारित किए जाने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। हालांकि, प्रारंभिक योजना के अनुसार इस सत्र में 16 बैठकें होनी थीं, लेकिन होली के बाद शनिवार की बैठक स्थगित होने के कारण कुल 15 बैठकें ही संभव हो सकीं। सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर चर्चाएं जरूर हुईं, लेकिन वीरवार तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका।
पिछले 14 दिनों में सदन में कई अहम विषयों पर चर्चा हुई। सरकार और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों पर तीखी बहस देखने को मिली। बजट सत्र के दौरान मुख्य रूप से आर्थिक नीतियों, विकास योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, और नशे की रोकथाम जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस वर्ष का बजट पेश किया, जिसमें राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया। बजट में कृषि, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नए प्रावधान किए गए। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन की घोषणा की गई।
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सत्र के दौरान नशे के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाने पर जोर दिया गया। सरकार ने स्पष्ट किया कि संगठित अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर मृत्युदंड तक का प्रावधान किया जाएगा। पंचायत स्तर पर नशे के सप्लायरों की मैपिंग की जा रही है और खुफिया एजेंसियां भी इस पर नजर बनाए हुए हैं।
हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में जल स्रोतों के संरक्षण और पर्यावरण को बचाने के लिए कई सुझाव सदन में प्रस्तुत किए गए। ग्लेशियर पिघलने और जल संकट की गंभीरता को देखते हुए नए जल संरक्षण अभियानों पर चर्चा हुई। साथ ही, जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं को रोकने के लिए नए कदम उठाने की बात कही गई।
राज्य में युवाओं को रोजगार देने और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सरकार ने नई योजनाओं की घोषणा की। विशेष रूप से स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में नए प्रावधान किए गए।
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वहीं, विपक्ष ने सरकार से पूछा कि अब तक कितने युवाओं को रोजगार दिया गया और क्या नई परियोजनाएं सिर्फ घोषणाएं बनकर रह जाएंगी।
सड़क और परिवहन से जुड़े मुद्दों पर सदन में गंभीर चर्चा हुई। पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क सुधारने और आपदा प्रबंधन के लिए बजट में प्रावधान किए गए। विपक्ष ने सरकार पर धीमी गति से विकास कार्य करने का आरोप लगाया, जबकि सरकार ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद सड़क निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
सरकार ने प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। सरकारी स्कूलों को डिजिटल सुविधाओं से जोड़ने, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तेज करने और मेडिकल सुविधाओं को बेहतर बनाने की बात कही गई।
सत्र के दौरान कई बार विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और कुछ फैसलों को अव्यावहारिक बताया, जबकि सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए अपनी उपलब्धियों को गिनाया।
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बहरहाल, इस बजट सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले भी लिए गए। हालांकि, कुछ विषयों पर बहस अधूरी रही और आगे के सत्रों में इन पर विस्तार से चर्चा होने की संभावना है। अब देखना यह होगा कि सरकार अपने बजटीय प्रावधानों को जमीन पर कितनी प्रभावी तरीके से लागू कर पाती है।