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October 2, 2025

जेपी नड्डा ने कठघरे में खड़ी की सुक्खू सरकार, बोले- जनता से छीन रही मोदी Govt की राहत योजना का लाभ

हिमाचल की जनता और मोदी सरकार के बीच दीवार बन खड़ी है सुक्खू सरकार

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JP Nadda himachal bilaspur

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार सीमेंट पर अतिरिक्त टैक्स लगाने के फैसले को लेकर हर तरफ से आलोचना का सामना कर रही है। राज्य में न केवल विपक्षी भाजपा बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। नड्डा ने कहा कि सीमेंट पर बढ़े टैक्स की वजह से आम जनता को महंगे दामों पर सीमेंट खरीदना पड़ रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने पहले ही जीएसटी घटाकर लोगों को राहत देने की कोशिश की थी।

सुक्खू सरकार ने छीना मोदी सरकार की छूट का लाभ

तीन दिन के दौरे पर हिमाचल के बिलासपुर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देशभर में घर निर्माण और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण को ध्यान में रखते हुए सीमेंट पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था। इससे प्रति बोरी सीमेंट की कीमत में लगभग 30 रुपये तक की राहत मिली थी। लेकिन हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने एंटी डंपिंग ड्यूटी और एडिशनल गुड्स टैक्स लगाकर इस राहत को जनता तक पहुंचने ही नहीं दिया। जेपी नड्डा ने तो यहां तक कह दिया है कि केंद्र की मोदी सरकार और हिमाचल की जनता के बीच सुक्खू सरकार दीवार बनकर खड़ी हो गई है।

 

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वर्तमान में राज्य में सीमेंट की 50 किलो की बोरी पर 16 रुपये तक अतिरिक्त टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि पहले यह 11 रुपये था। यही कारण है कि हिमाचल में बनने वाला सीमेंट पड़ोसी राज्यों में सस्ता बिक रहा है, जबकि राज्य के लोग इसे महंगे दाम पर खरीदने को मजबूर हैं।

नड्डा ने सुक्खू सरकार पर बोला हमला

नड्डा ने कहा कि देशभर में 22 सितंबर से जीएसटी बचत उत्सव मनाया जा रहा है और आम जनता को दैनिक जरूरत के सामान पर जीएसटी में राहत मिली है। वहीं, हिमाचल में कांग्रेस सरकार जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य प्राकृतिक आपदाओं बादल फटना, भूस्खलन और बाढ़ से जूझ रहा है। ऐसे कठिन समय में राहत देने के बजाय टैक्स बढ़ाना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।

 

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पानी, स्टांप ड्यूटी और बिजली पर भी बोझ

नड्डा ने कहा कि सिर्फ सीमेंट ही नहीं, बल्कि हिमाचल की जनता पर पानी के बिल, बिजली के बिल और स्टांप ड्यूटी शुल्क पर भी अतिरिक्त बोझ डाला गया है। इससे प्रदेश के लोगों की जेब पर लगातार असर पड़ रहा है।

राजनीतिक रूप से घिरती सुक्खू सरकार

सीमेंट टैक्स को लेकर विपक्ष पहले ही सुक्खू सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुका है। अब प्रधानमंत्री मोदी की राहत योजना को जनता तक न पहुंचा पाने का मुद्दा भी उभर कर सामने आ गया है। नड्डा ने साफ कहा कि जब देशभर में जीएसटी बचत उत्सव आम लोगों के लिए राहत लेकर आया है, तब हिमाचल में टैक्स बढ़ाना जनता के साथ अन्याय है।

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुक्खू सरकार का यह निर्णय प्रदेश में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि आम आदमी महंगाई से पहले ही त्रस्त है और अब सीमेंट जैसे अहम निर्माण सामग्री पर टैक्स बढ़ने से सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ा है।

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