#राजनीति
May 25, 2025
SP- डीजीपी विवाद ने खोली सरकार की पोल: जयराम ने सीएम सुक्खू से मांग लिया इस्तीफा
जयराम ठाकुर बोले-सरकार की प्रशासन पर पकड़ कमजोर, चरम पर भ्रष्टाचार
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शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में मचे घमासान के बाद अब सियासत भी गरमाने लगी है। विपक्ष यानी भाजपा को भी कांग्रेस सरकार को घेरने का एक मुद्दा मिल गया है। बीते रोज एसपी शिमला संजीव गांधी द्वारा अपने ही आला अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों के बाद जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है। इतना ही नहीं जयराम ठाकुर ने तो सीएम सुक्खू से इस्तीफा तक मांग लिया है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विमल नेगी मौत मामला अब सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं रहा, बल्कि अब एक गहरी राजनीतिक लड़ाई में बदल चुका है। हाई कोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद प्रदेश की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है। भाजपा ने इसे कांग्रेस सरकार के चरमराते प्रशासन और सड़ चुके सिस्टम का नतीजा बताया है।
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पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूब चुकी है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ऐसे में कांग्रेस को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
जयराम ठाकुर ने इस पूरे घटनाक्रम को सुक्खू सरकार के राजनैतिक और नैतिक पतन की संज्ञा दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भीतर ही पुलिस अफसर एक.दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, जिससे यह साफ होता है कि प्रदेश में प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह से खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की पुलिस ही एक.दूसरे के खिलाफ कोर्ट में खड़ी हो रही है, तो मुख्यमंत्री किस मुंह से कुर्सी पर टिके हुए हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। जिसके चलते सरकार और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। एसपी शिमला अनुशासन की सीमा को लांघ कर मीडिया के सामने अपने ही आला अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव और एक भाजपा विधायक पर भी टिप्पणी की है। जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि अगर एसपी शिमला को राजनीति ही करनी है, तो वह अपने पद से त्यागपत्र देकर राजनीति में आ जाएं।
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इस घटना ने मुख्यमंत्री सुक्खू की प्रशासनिक पकड़ पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने ही अफसरों को संभाल नहीं पा रहे हैं, जिससे सरकार की साख तेजी से गिर रही है।