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December 5, 2025

गुस्से से तमतमाए सतपाल रायजादा: पोस्ट से मची खलबली, क्या करने जा रहे हैं ?

भाजपा-कांग्रेस नेताओं की मिलीभगत का आरोप

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Political Controversy

ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में अभी हाल ही में एक कांग्रेस नेता आशू की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। यह गोली कांड पूर्व विधायक सतपाल रायजादा के होटल के बाहर हुआ था। इस हत्याकांड के बाद भाजपा लगातार रायजादा पर निशाना साध रही थी। लेकिन अब रायजादा ने अपने गुस्से को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से जाहिर करते हुए साफ कर दिया है कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं और आने वाले दिनों में वह “आर-पार की लड़ाई” के मूड में हैं।

“अब सबूतों के साथ जवाब दूंगा”

बीते कल रात देर अपने फेसबुक अकाउंट पर किए गए पोस्ट में रायजादा ने बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि जो लोग उन पर, उनके कार्यकर्ताओं पर या उनके विधानसभा क्षेत्र पर उंगली उठा रहे हैं- वह चाहे किसी भी पार्टी से हों, वे उन्हें उसी भाषा में जवाब देंगे।

इस पोस्ट के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों तरफ के नेताओं में बेचैनी साफ दिख रही है।

भाजपा-कांग्रेस नेताओं की मिलीभगत का आरोप

अपने फेसबुक संदेश में रायजादा ने दावा किया कि हत्या की घटना के बाद कुछ नेता, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों से जुड़े हुए हैं, आपसी सांठगांठ करके उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

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उनका कहना है कि वह इस पूरी साजिश के सबूत इकट्ठा कर चुके हैं और विधानसभा सत्र खत्म होते ही जनता के सामने बड़े खुलासे करेंगे। उन्होंने यह भी लिखा कि वे राजनीति में सम्मान के साथ आए हैं और यदि कोई उनकी छवि खराब करने की कोशिश करेगा, तो वह चुप नहीं बैठेंगे।

रायजादा ने सत्ती को भेजा था कानूनी नोटिस

बता दें कि, ऊना सदर से भाजपा विधायक सतपाल सत्ती पहले ही रायजादा पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। सत्ती ने कहा था कि रायजादा के होटल और रिसॉर्ट में अवैध गतिविधियां चलती हैं और हत्या की घटना इसी कारण संभव हुई। इन आरोपों पर पलटवार करते हुए रायजादा ने सत्ती को कानूनी नोटिस भेजा था।

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उन्होंने मांग की थी कि सत्ती 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी मांगें, अन्यथा वे मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। रायजादा का कहना है कि सत्ती “झूठ फैलाकर राजनीतिक लाभ” लेना चाहते हैं, जबकि भाजपा सरकार के समय “गुंडागर्दी चरम पर थी और पुलिस शिकायतें दर्ज तक नहीं करती थी।”

यह था मामला

19 नवंबर को कांग्रेस नेता आशु पुरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना लालसिंघी के उस होटल के बाहर हुई, जहां दो अलग-अलग ग्रुप बर्थडे पार्टी के बाद आमने-सामने आ गए। विवाद इतना बढ़ा कि बाहर गोलियां चलीं और आशु पुरी की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हुए।

घटना के बाद से कांग्रेस के भीतर दो गुटों के टकराव की बातें सामने आईं। वहीं भाजपा ने इस मुद्दे को उठाकर कांग्रेस नेतृत्व को कठघरे में खड़ा किया, जिससे मामला और तूल पकड़ गया।

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