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October 29, 2025

हिमाचल : नहीं सुधर रहे राजभवन और सरकार के रिश्ते, अब इस मुद्दे को लेकर मचा बवाल- जानें

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश बने सरकार का आधार

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। मामला इस बार कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति के अधिकार को लेकर है। सरकार सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देशों को आधार बनाते हुए अब सीधे तौर पर इस संबंध में अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है।

पहले भी टकराव हो चुका है

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कृषि विभाग ने इस संबंध में पूरी फाइल विधि विभाग को भेज दी है। जैसे ही विधि विभाग से मंजूरी मिलती है, सरकार अधिसूचना जारी कर देगी, जिसके बाद दोनों विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने का अधिकार राज्य सरकार के पास आ जाएगा, न कि राजभवन के पास। यह मुद्दा नया नहीं है।

 

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार ने पहले ही इस संबंध में एक संशोधन विधेयक पारित किया था। उस समय भी इसे राजभवन की मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन राजभवन ने उस पर सहमति नहीं दी और कुछ अतिरिक्त बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। इसके चलते यह विधेयक अटका हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश बने सरकार का आधार

अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को आधार बनाकर आगे बढ़ने की योजना बनाई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, यदि विधानसभा से पारित विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाता है, तो उस पर निर्णय एक महीने के भीतर लिया जाना आवश्यक है।

 

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यदि विधेयक दूसरी बार विधानसभा से पारित होकर राजभवन को भेजा जाए, तो उस पर भी एक महीने के भीतर निर्णय लेना होता है। जबकि पहली बार भेजे गए विधेयक के लिए तीन महीने की अवधि दी गई है। ऐसे में सरकार का कहना है कि 26 सितंबर तक इस पर मंजूरी मिल जानी चाहिए थी, जो अब तक नहीं मिली है।

मंत्री बोले, अब अधिसूचना होगी जारी

उधर, राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि, राज्य सरकार विधि विभाग की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले ही यह संशोधन विधेयक विधानसभा से पारित कर राजभवन को भेजा था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सरकार स्वयं निर्णय लेने को बाध्य है।

उन्होंने कहा कि अधिसूचना जारी होते ही राज्यपाल का दोनों विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा और यह जिम्मेदारी सरकार के पास आ जाएगी।

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