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October 9, 2025

हिमाचल BREAKING : टल सकता है पंचायत चुनाव! कई जिलों के DC से जुड़ा है मामला- जानें

नवंबर-दिसंबर में चुनाव करवाने की तैयारी में इलेक्शन कमीशन

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HIMACHAL PANCHAYAT ELECTION POSTPONED

शिमला। हिमाचल प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित पंचायत चुनाव अब टलते हुए नजर आ रहे हैं। चुनाव के टलने का कराण कई जिलों के DC से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। राज्य के कई जिलों के उपायुक्तों (DC) ने  पंचायती राज विभाग के सचिव को पत्र लिखे हैं।

टल सकता है पंचायत चुनाव!

पत्रों में साफ कहा है कि मौजूदा हालात में पंचायत चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है। इन पत्रों में आपदा से हुए भारी नुकसान, टूटे हुए रास्तों, खस्ताहाल सड़कों और राहत कार्यों में लगे कर्मचारियों का हवाला दिया गया है।

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कई जिलों के DC से जुड़ा है मामला

कई जिलों में अभी भी मानसून की तबाही से लोग उबर नहीं पाए हैं। गांवों में मनरेगा और राहत कार्यों की बहाली तेजी से चल रही है। प्रशासनिक अमले का बड़ा हिस्सा इन कार्यों में जुटा है। ऐसे में जिला अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल चुनाव की प्रक्रिया शुरू करना कठिन होगा।

क्या लिखा पत्र में?

सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने ही जिलाधिकारियों को ऐसे पत्र भेजने के निर्देश दिए थे, ताकि आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act) के तहत चुनाव को कुछ समय के लिए टाला जा सके।

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चुनाव आयोग की तैयारियां पूरी

उधर, हिमाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत और नगर निकाय चुनावों की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। नवंबर-दिसंबर में चुनाव कराने का खाका दो महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था। मतदाता सूचियों का ड्राफ्ट प्रकाशित हो चुका है और आरक्षण रोस्टर जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मगर अब सरकार की आपदा संबंधी आपत्तियों के कारण यह प्रक्रिया अधर में लटक सकती है।

सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं चुनाव

कानूनी तौर पर चुनाव कराने का अधिकार राज्य चुनाव आयोग के पास है, लेकिन बिना सरकार के सहयोग के यह संभव नहीं। चुनावी प्रक्रिया में करीब 50 हजार से अधिक कर्मचारियों की जरूरत होती है, जिन्हें आयोग सरकार से ही मांगता है। ऐसे में अगर सरकार आपदा का हवाला देकर स्टाफ देने से इंकार कर देती है, तो चुनाव टलना तय माना जा रहा है।

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3577 पंचायतों और 71 नगर निकायों में होने हैं चुनाव

राज्य की 3577 पंचायतों और 71 नगर निकायों में इस साल के अंत तक चुनाव प्रस्तावित हैं। पंचायतों में प्रधान, उपप्रधान, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए मतदान होना है। नगर निकायों में पार्षद पदों के लिए वोटिंग कराई जानी है। लेकिन सरकार की चुप्पी और चुनाव आयोग के आदेशों के बावजूद आरक्षण रोस्टर अभी तक जारी नहीं किया गया है।

‘कांग्रेस लोकतंत्र से भाग रही’

इस बीच BJP ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। पूर्व उद्योग मंत्री और BJP विधायक बिक्रम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर चुनाव से भाग रही है। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है। सरकार ने अधिकारियों के कंधे पर बंदूक रखकर आपदा का बहाना बनाते हुए चुनाव टालने की साजिश रची है।”

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ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री और मंत्री विदेश दौरे और सरकारी आयोजनों में शामिल हो सकते हैं, तो पंचायत चुनाव कराने में क्या दिक्कत है? उन्होंने कुल्लू दशहरा का उदाहरण देते हुए कहा, “जहां आपदा का असर सबसे ज्यादा था, वहां भी उत्सव मनाया जा सकता है, तो फिर चुनाव कराने में आपदा कैसे बाधा बन गई?”

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