#राजनीति
April 28, 2025
एक और प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल और केंद्र में विवाद- नीति आयोग ने बुलाई बैठक
बल्क ड्रग पार्क विवाद पर केंद्र और हिमाचल सरकार के बीच खिंचतान
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ऊना। ऊना जिले के हरोली में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क को लेकर केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं। इसी बीच, अब नीति आयोग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 2 मई को समीक्षा बैठक आयोजित करने का फैसला लिया है। यह बैठक नई दिल्ली के नीति भवन में आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल की अध्यक्षता में होगी। बैठक में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम भाग ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पहले ही साफ कर चुके हैं कि राज्य सरकार बल्क ड्रग फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क अपनी शर्तों पर ही बनाएगी।
सुक्खू ने पिछली भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने राज्य के हितों की अनदेखी करते हुए एक रुपये में जमीन दी और 10 साल तक जीएसटी छूट जैसी शर्तें रखीं, जिससे प्रदेश को नुकसान हो रहा था। मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश के संसाधनों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है और बिना उचित मुआवजा और हित संरक्षण के परियोजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हिमाचल सरकार पर केंद्र की ओर से दिए गए फंड का सही तरीके से उपयोग न करने का आरोप लगाया है। हाल ही में नड्डा ने कहा कि मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए केंद्र ने 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जिनमें से 25 करोड़ रुपये राज्य सरकार को जारी भी किए गए,
लेकिन राज्य सरकार ने इस योजना में रुचि न लेते हुए पैसा वापस कर दिया। इसी तरह बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए 1,000 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा मंजूर किए गए थे, मगर आज तक इनका प्रभावी उपयोग नहीं हो पाया है।
नीति आयोग की 2 मई को होने वाली इस समीक्षा बैठक में अब तक बल्क ड्रग पार्क के कार्यों की प्रगति, निर्माण में आई बाधाएं और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। साथ ही हिमाचल सरकार का पक्ष भी विस्तार से सुना जाएगा। माना जा रहा है कि यह बैठक परियोजना के भविष्य को लेकर अहम दिशा तय कर सकती है।
अगर केंद्र और राज्य सरकार के बीच यह गतिरोध लंबे समय तक जारी रहा, तो इससे न केवल बल्क ड्रग पार्क परियोजना प्रभावित हो सकती है, बल्कि हिमाचल में औद्योगिक निवेश और रोजगार के अवसरों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। फिलहाल सबकी निगाहें नीति आयोग की इस बैठक और उसमें लिए जाने वाले फैसलों पर टिकी हैं।