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December 12, 2025

खुशहाल हिमाचल की ओर बढ़ रही सुक्खू सरकार, CM के सख्त फैसलों से भरने लगा खाली खजाना

राजस्व बढ़ाने को लिए सख्त फैसले, कई नीतियों में किया साहसिक बदलाव

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CM Sukhu revenu

मंडी। हिमाचल प्रदेश के लिए बीते तीन वर्ष बड़े बदलावों के साल साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी में आयोजित राज्य स्तरीय जन संकल्प सम्मेलन में वह विज़न सामने रखा, जिसने प्रदेश की आर्थिक दिशा ही नहीं, बल्कि विकास की रफ्तार भी बदल दी है। सीएम सुक्खू ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदा की कठिन परिस्थितियों के बीच भी राजस्व बढ़ाने, वित्तीय अनुशासन स्थापित करने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए साहसिक कदम उठाए हैं।

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मुख्यमंत्री ने मंच से हिमाचल के लिए नई तस्वीर भी पेश की। उन्होंने कहा कि प्रदेश आने वाले दो वर्षों में आत्मनिर्भरता की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ेगा। सरकार का संकल्प है कि हिमाचल को आर्थिक रूप से मजबूत, सामाजिक रूप से संवेदनशील और प्रशासनिक रूप से अधिक प्रभावी राज्य बनाया जाए। सीएम सुक्खू ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जनहित है और राज्य की संपदा की रक्षा हमारा दायित्व। हमने जिस दिशा में कदम बढ़ाया है, वह हिमाचल के खुशहाल भविष्य की गारंटी है।

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राजस्व बढ़ाने के लिए बदली नीतियां

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को मजबूती देने के लिए व्यापक सुधार किए। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में पारदर्शिता लाई गई, खनन से लेकर ऊर्जा परियोजनाओं में रॉयल्टी बढ़ाई गई और राज्य की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए निर्णायक फैसले लिए गए। इन सुधारों से हिमाचल को तीन वर्षों में 3000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिला, जिसे सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जा रहा है।

वाइल्ड फ्लावर हॉल मामले में जीत

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने लंबे समय से लंबित वाइल्ड फ्लावर हॉल मामले में सफलतापूर्वक कानूनी लड़ाई लड़ी है। इस जीत ने प्रदेश को हर वर्ष 20 करोड़ रुपए की स्थायी आय दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि सरकार प्रदेश के संसाधनों की रक्षा और सही उपयोग के लिए दृढ़ है।

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ऊर्जा परियोजनाओं में रॉयल्टी 12 से बढ़ाकर 18 %

सीएम सुक्खू ने बताया कि कड़छम-वांगतु परियोजना में वर्षों से लंबित रॉयल्टी मुद्दे को सुलझाते हुए सरकार ने इसे 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करवाया। इस बढ़ोतरी से प्रदेश को हर साल 150 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जलविद्युत क्षमता राज्य का सबसे बड़ा संसाधन है और सरकार इसे राज्य की आर्थिक रीढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

आबकारी नीति सुधाररू एक वर्ष में ही 450 करोड़ की कमाई

मुख्यमंत्री ने आबकारी नीति में किए गए संरचनात्मक बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सरकार जहां चार वर्षों में शराब ठेके रिन्यूअल से केवल 450 करोड़ की आय जुटा सकीए वहीं सुक्खू सरकार ने नई नीति बनाकर सिर्फ एक वर्ष में ही 450 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया। उन्होंने कहा कि यह परिणाम पारदर्शी नीतिए डिजिटल निगरानी और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई का नतीजा है।

 

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प्रदेश की संपदा की सुरक्षा

सीएम सुक्खू ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का हर निर्णय हिमाचल की जमीन, संसाधनों और भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की संपत्ति को गलत नीतियों से बचाने और उसे राजस्व उत्पन्न करने वाले साधन में बदलने के लिए सख्त और दूरदर्शी कदम उठाए गए हैं।

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