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October 24, 2025
CM सुक्खू फिर चले दिल्ली, सूबे की आर्थिकी पर केंद्र से करेंगे बात- रखेंगे कई मांगें
यह दौरा वित्तीय स्थिति को देखते हुए अहम
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक बार फिर दिल्ली दौरे पर जाने की तैयारी में हैं, जहाँ वे हिमाचल प्रदेश के आर्थिक हालात से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलों को लेकर केंद्र सरकार के सामने हिमाचल के हितों की पैरवी करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री का यह दौरा 29 व 30 अक्तूबर को संभावित है और इस दौरान वे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से मुलाकात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री का यह दौरा प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बेहद अहम माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, मुलाकात के दौरान सुक्खू राज्य की ऋण सीमा बढ़ाने, राजस्व घाटा अनुदान में वृद्धि और बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं से जुड़ी मदद जैसे मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। सरकार के पास विकास योजनाओं के लिए धन की कमी है और कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं केंद्र से मिलने वाली वित्तीय सहायता पर निर्भर हैं। विशेष रूप से मुख्यमंत्री चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये के प्राकृतिक आपदा राहत पैकेज को जल्द मंजूरी मिले, ताकि बारिश और भूस्खलन से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत दी जा सके।
राज्य सरकार का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र से मिलने वाला राजस्व घाटा अनुदान काफी घट गया है। वर्ष 2020-21 में जहाँ यह राशि 11,431 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2025-26 में यह घटकर केवल 3,257 करोड़ रुपये रह गई है। यह गिरावट हिमाचल की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि राज्य की अधिकांश योजनाएँ और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम इसी अनुदान पर निर्भर हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू पहले भी इस मुद्दे को केंद्रीय वित्त मंत्री और 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के समक्ष रख चुके हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली दौरे के दौरान वे एक बार फिर प्रदेश की वास्तविक वित्तीय आवश्यकताओं को विस्तार से प्रस्तुत करेंगे और केंद्र से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद करेंगे।
प्रदेश सरकार की निगाहें अब 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर टिकी हैं, जिनका प्रभाव 1 अप्रैल 2026 से लागू होना है। यदि आयोग हिमाचल के लिए वित्तीय सहायता को लेकर उदार सिफारिशें करता है, तो आने वाले वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिल सकती है। मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य की भौगोलिक स्थिति, सीमित औद्योगिक संसाधन और पहाड़ी संरचना को देखते हुए विशेष वित्तीय सहायता जरूरी है।
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राज्य सरकार यह भी चाहती है कि केंद्र सरकार हिमाचल को विशेष श्रेणी का दर्जा देने पर फिर से विचार करे, ताकि राज्य को अधिक वित्तीय राहत और विकासात्मक सहायता मिल सके। मुख्यमंत्री सुक्खू का बार-बार दिल्ली दौरा इसी लगातार प्रयास का हिस्सा है, ताकि प्रदेश के हितों को केंद्र के समक्ष मजबूती से रखा जा सके।