#राजनीति
June 19, 2025
"मैं इस्तीफा नहीं दूंगा, बात सुलझ गई है" - मंत्री चंद्र कुमार ने तोड़ी चुप्पी, बेटे के पोस्ट पर दी सफाई
चंद्र कुमार ने अपने बेटे नीरज भारती के बयान को लेकर कहा कि नीरज एक नौजवान है
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कांगड़ा। हिमाचल की राजनीति में पिछले 24 घंटे से मची हलचल के बीच कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने खुद सामने आकर स्थिति साफ की है। बेटे नीरज भारती के फेसबुक पोस्ट के बाद से राजनीति में उथल-पुथल के संकेत आ रहे थे। हालांकि इस पूरे मसले पर मंत्री ने अपना पक्ष रखा है।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि मैं इस्तीफा नहीं दे रहा हूं। ट्रांसफर को लेकर कुछ गिला-शिकवा था, लेकिन रात में सीएम से सौहार्दपूर्ण बातचीत हो गई और मामला सुलझ गया। इस बयान के साथ उन्होंने उन सभी कयासों पर विराम लगाने की कोशिश की जो उनके बेटे और पूर्व CPS नीरज भारती के एक फेसबुक पोस्ट से उठे थे।
चंद्र कुमार ने अपने बेटे नीरज भारती के बयान को लेकर कहा कि नीरज एक नौजवान है। कभी-कभी आवेश में कुछ कह जाता है। यह बयान जहां एक ओर बेटे की सोशल मीडिया गतिविधियों से खुद को अलग करता है, वहीं कांग्रेस के भीतर इस बयान के राजनीतिक असर को सीमित करने की कोशिश भी करता है।
चंद्र कुमार ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है, भाजपा को हमारी चिंता छोड़कर अपनी करनी चाहिए। उन्होंने इस विवाद को कांग्रेस के अंदरूनी असंतोष की बजाय व्यक्तिगत भावनात्मक प्रतिक्रिया बताया।
बता दं कि बीती रात नीरज भारती ने फेसबुक पर ऐसा पोस्ट किया जिसने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी। पोस्ट में उन्होंने कहा था कि उनके पिता मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। साथ ही लिखा था कि "काम अगर दलालों के होंगे तो मंत्री बनकर क्या फायदा।"
इस पोस्ट के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया। यह केवल मंत्री के इस्तीफे की बात नहीं थी, नीरज ने विधायकों के इस्तीफों की तरफ भी इशारा किया, जिससे कांग्रेस के भीतर सत्ता समीकरणों को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं।
यह पहला मौका नहीं है जब नीरज भारती ने कांग्रेस नेतृत्व या सरकार पर हमला बोला हो। दो साल पहले उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायकों को सलाह देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था कि 8 महीने में तो सरकार काम नहीं कर पाई, जबकि 9 महीने में बच्चा हो जाता है।
यह पोस्ट उस वक्त आया था जब चंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री सुक्खू का समर्थन करते हुए सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था। उस पर नीरज ने अपने ही पिता को भी नसीहत दी थी कि पहले अपने जिले पर ध्यान दें।
चंद्र कुमार को वीरभद्र सिंह गुट का मजबूत चेहरा माना जाता है और वह होली लॉज के करीबी रहे हैं। उनके बेटे नीरज भारती को भी वीरभद्र सिंह ने CPS बनाया था। ऐसे में यह पूरा मामला सिर्फ एक ट्रांसफर का विरोध या युवराज की भावुकता नहीं, बल्कि कांग्रेस के भीतर दो ध्रुवों की खींचतान का संकेत भी हो सकता है।