#राजनीति
July 7, 2025
केंद्र देगा 2006 करोड़ की आपदा राहत राशि, पहले सुक्खू सरकार को चुकाने होंगे 500 करोड़- जानें शर्त
आपदा के बाद भी हिमाचल को नहीं मिली फौरी मदद
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शिमला। हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से आपदा राहत के लिए मंजूर की गई 2006.40 करोड़ रुपये की राशि फिलहाल केवल कागज़ों तक सीमित है। राज्य को इस धनराशि का वास्तविक लाभ उठाने के लिए कई शर्तें पूरी करनी होंगी। इनमें सबसे पहली शर्त यह है कि प्रदेश सरकार को पहले 500 करोड़ रुपये का हिस्सा अपनी तरफ से जमा करना होगा। इसके बाद ही कुल सहायता राशि का सिर्फ 30 प्रतिशत भाग बतौर पहली किस्त जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि, यह राशि केंद्र ने जून के दूसरे पखवाड़े में हिमाचल के लिए स्वीकृत की थी। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय समिति ने इसे 2023 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में राहत और पुनर्निर्माण योजनाओं के लिए मंजूरी दी थी।
लेकिन मौजूदा समय में जब मंडी सहित कई जिलों में भारी तबाही मची हुई है, तब सरकार को इस राशि की तात्कालिक ज़रूरत है।
अब जबकि केंद्र ने एक आंशिक राहत की ओर कदम बढ़ाया है, तब भी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि प्रदेश को त्वरित सहायता मिलना मुश्किल लगता है।
प्रदेश के प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार के अनुसार, जब तक राज्य सरकार 500 करोड़ रुपये की अंशधनराशि नहीं देती, तब तक सहायता की पहली किस्त भी नहीं मिल पाएगी। ऐसे में प्रदेश सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, इस धन को जल्दी से जल्दी सिस्टम में लाकर राहत कार्यों में लगाना।
प्रदेश सरकार पहले ही 2023 की त्रासदी को लेकर केंद्र से कई बार आग्रह कर चुकी है। उस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं में 503 लोगों की जान गई थी और कुल मिलाकर करीब 9,700 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान लगाया गया था। ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार केंद्र पर हिमाचल की उपेक्षा करने के आरोप लगाती रही है।