#राजनीति
August 1, 2025
सुक्खू सरकार पर बरसे अनुराग ठाकुर: आर्थिक कुप्रबंधन और राहत कार्यों की अनदेखी पर उठाए सवाल
सरकार की गलत नीतियों और वित्तीय कुप्रबंधन से प्रदेश पर कर्ज का बढ़ रहा बोझ
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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज़ हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए उसे आर्थिक अराजकता फैलाने और आपदा प्रबंधन में विफल रहने के गंभीर आरोप लगाए हैं। ठाकुर ने सुक्खू सरकार को जनविरोधी बताते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन न केवल आर्थिक मोर्चे पर असफल रहा है, बल्कि संकट की घड़ी में जनता को राहत देने में भी नाकाम रहा है।
अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने अपने पहले दिन से ही आम जनता के खिलाफ फैसले लेने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि गलत आर्थिक नीतियों और वित्तीय कुप्रबंधन के चलते प्रदेश पर कर्ज का बोझ 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। ठाकुर ने इसे भविष्य को अंधकार की ओर धकेलने वाला कदम करार देते हुए कहा कि इस आर्थिक संकट का सीधा असर आम जनता की बुनियादी सुविधाओं पर पड़ रहा है।
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आईजीएमसी शिमला का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि सरकारी असफलताओं के कारण अस्पताल में 70 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान न होने की वजह से आयुष्मान और हिमकेयर योजनाओं के तहत मुफ्त दवाएं तक बंद कर दी गई हैं। यह स्थिति सीधे तौर पर गरीब और जरूरतमंद मरीजों को नुकसान पहुंचा रही है।
अनुराग ठाकुर ने केंद्र की मोदी सरकार की तुलना पूर्ववर्ती यूपीए सरकार से करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने हर आपदा के समय हिमाचल की ओर हाथ बढ़ाया। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने राज्य को एसडीआरएफ (राज्य आपदा राहत कोष) में तीन गुना और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत कोष) में पांच गुना से अधिक की मदद प्रदान की है।
उन्होंने याद दिलाया कि पिछली प्राकृतिक आपदा के समय केंद्र सरकार ने 1300 करोड़ रुपये की सीधी सहायता दी थी। इसके अलावा 93,000 नए मकानों की मंजूरी और निर्माण के लिए केंद्रीय सहायता दी गई, जो हिमाचल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारें जहां केवल घोषणाओं तक सीमित रही हैं, वहीं मोदी सरकार ने ज़मीनी स्तर पर राहत और पुनर्वास के कार्य को प्राथमिकता दी है।
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अनुराग ठाकुर ने यह भी खुलासा किया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में 2006 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता मंजूर की है, लेकिन राज्य सरकार अब तक जरूरी प्रक्रियाएं पूरी नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी केंद्र द्वारा दिए गए राहत पैकेजों को राज्य सरकार समय पर खर्च नहीं कर सकी, जिससे जनता को राहत नहीं मिल पाई।