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September 6, 2025
हिमाचल: कोर्ट में संजौली मस्जिद निर्माण से मुकरा वक्फ बोर्ड, केस से खुद को कर लिया अलग
देवभूमि संघर्ष समिति 11 को करेगी प्रदर्शनए सरकार का करेगी अर्ध पिंडदान
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र में स्थित मस्जिद को लेकर जारी विवाद अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। मस्जिद की निचली दो मंजिलों को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई, जिसमें वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह निर्माण उनकी ओर से नहीं किया गया है। इस बयान के बाद अदालत ने वक्फ बोर्ड को इस मामले से अलग करने के संकेत दिए हैं और अब मस्जिद कमेटी से मामले पर स्पष्ट पक्ष रखने को कहा गया है।
संजौली स्थित इस मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को पहले ही नगर निगम आयुक्त न्यायालय द्वारा अवैध करार देकर तोड़ने के आदेश दिए जा चुके हैं। यह आदेश पिछले वर्ष 5 अक्टूबर को दिया गया था, जिसके बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त, आयुक्त न्यायालय ने मस्जिद की निचली दो मंजिलें भी गिराने का आदेश दिया था। इस आदेश को वक्फ बोर्ड ने जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी।
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हालांकि वक्फ बोर्ड अभी तक मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के दस्तावेज पेश नहीं कर सका है। अदालत द्वारा कई बार दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर देने के बावजूद] वक्फ बोर्ड की ओर से अब तक कोई वैध दस्तावेज सामने नहीं आया है। मामले की अगली सुनवाई अब 6 अक्टूबर को तय की गई है।
इस बीच 3 मई को नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाते हुए जिला अदालत ने 29 मई को स्थगन आदेश दिया था। वक्फ बोर्ड ने अतिरिक्त समय की मांग की थी ताकि दस्तावेजों को इकट्ठा कर प्रस्तुत किया जा सके। कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार करते हुए दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए थे। लेकिन समय पर दस्तावेज न देने के कारण वक्फ बोर्ड की भूमिका अब सवालों के घेरे में आ गई है।
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दूसरी ओर, देवभूमि संघर्ष समिति ने 11 सितंबर को "काला दिवस" के रूप में मनाने का ऐलान किया है। यह दिन पिछले वर्ष हुए उस आंदोलन की पहली बरसी है, जब संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था। उस समय पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ था और शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा वाटर कैनन और लाठियों का प्रयोग किया गया था।
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संघर्ष समिति के सह-संयोजक विजय शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उस दिन निहत्थे हिंदुओं पर अत्याचार किया था और उस घटना को सनातन समाज भूला नहीं है। उन्होंने घोषणा की कि 11 सितंबर को उसी स्थान पर शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। विजय शर्मा ने यहां तक कहा कि सनातन धर्म की परंपराओं के तहत, उस दिन वर्तमान सरकार का 'अर्ध पिंडदान' भी किया जाएगा, यह कहते हुए कि "यह सरकार उस दिन हमारे लिए मर गई थी।"