#विविध
October 13, 2025
कुछ देर में होगा 'राजा साहब' की प्रतिमा का अनावरण, भावुक हुए बेटे विक्रमादित्य सिंह
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता रहेंगे मौजूद
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति के शिखर पुरुष और छह बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की याद आज फिर ताजा होने जा रही है। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आज उनके सम्मान में स्थापित प्रतिमा का अनावरण कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा किया जाएगा।
यह समारोह न केवल एक राजनीतिक आयोजन है, बल्कि उस नेता के प्रति श्रद्धांजलि है, जिसे पहाड़ों का जननायक कहा जाता था। सुबह से ही रिज मैदान पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। प्रदेशभर से कांग्रेस कार्यकर्ता, समर्थक और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे हैं।
मंच पर सोनिया गांधी के अलावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान ये सभी नेता वीरभद्र सिंह के योगदान और हिमाचल के विकास में उनकी भूमिका पर अपने विचार साझा करेंगे।
इस अवसर से पहले, वीरभद्र सिंह के पुत्र और राज्य के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक संदेश साझा किया है। उन्होंने लिखा कि-
“वीरभद्र सिंह केवल एक नेता नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश की आत्मा थे। वे जन्म से राजा थे, लेकिन उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया। उनकी सादगी, अपनापन और जनसेवा की भावना हर गांव और घाटी में आज भी जीवित है। किन्नौर से लेकर काजा तक, हर स्कूल, हर पंचायत और हर सड़क में उनकी उपस्थिति महसूस की जा सकती है। मेरे लिए वे सिर्फ पिता नहीं, बल्कि इस प्रदेश की आत्मा थे- उनकी विरासत हिमाचल के हर दिल में धड़कती है।”
रिज मैदान, जो शिमला का हृदय स्थल माना जाता है, अब और भी ऐतिहासिक बन गया है। यहां पहले से ही भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, महात्मा गांधी और अन्य महान विभूतियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। अब इनके बीच वीरभद्र सिंह की प्रतिमा भी लगाई गई है, जिससे यह स्थल न केवल सौंदर्य बल्कि राजनीतिक विरासत का प्रतीक बन गया है।
समारोह को लेकर प्रशासन और पुलिस ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। शहर में VVIP मूवमेंट को देखते हुए ट्रैफिक डायवर्जन और सुरक्षा प्रबंध कड़े किए गए हैं। आज का यह दिन न केवल वीरभद्र सिंह परिवार के लिए, बल्कि पूरे हिमाचल के लिए भावनात्मक महत्व रखता है। यह उस नेता की स्मृति को नमन करने का अवसर है, जिसने पहाड़ की राजनीति को जनसेवा की पहचान दी और अपने काम से लोगों के दिलों में अमर हो गया।