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July 1, 2025
NHAI अधिकारी मामले पर केंद्रीय मंत्री गड़करी ने जताई नाराजगी, CM सुक्खू से कहा- सख्त एक्शन लें
मंत्री अनिरूद्ध पर अधिकारी पर हमले का आरोप गड़करी ने जताई नाराजगी सीएम सुक्खू से मांगी कार्रवाई
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शिमला/नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के प्रबंधक अचल जिंदल से मारपीट के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले ने जहां प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। वहीं अब इसकी आंच दिल्ली तक पहुंच गई है। इस मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नाराजगी जताई है। केंद्रीय मंत्री ने मामले में खुद हस्तक्षेप करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुखिया यानी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से तत्काल और कठोर कार्रवाई करने को कहा है।
दरअसल एनएचएआई के अधिकारी अचल जिंदल पर हिमाचल के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और उनके कथित सहयोगियों द्वारा कथित रूप से हमला किया गया। हमले में अचल जिंदल को गंभीर चोटें आई हैं, खासकर सिर में गहरे घाव हुए हैं जिनमें टांके लगाने पड़े हैं। वे फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
इस मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना को कानून के शासन का घोर अपमान बताते हुए कहा कि यह हमला न केवल एक लोक सेवक की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि संस्थागत अखंडता को भी कमजोर करता है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया यह घिनौना कृत्य बेहद निंदनीय है और कानून और शासन का अपमान है।
The heinous assault on Shri Achal Jindal, Manager, NHAI PIU Shimla, allegedly by the Minister of Panchayati Raj, Himachal Pradesh, and his associates, is deeply reprehensible and an affront to the rule of law. Such a brutal attack on a public servant performing his official…
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 1, 2025
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस मामले का गंभीर संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री सुक्खू से सीधे बातचीत करके सभी दोषियों के खिलाफ तत्काल और अनुकरणीय कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए और न्याय में कोई देरी नहीं होनी चाहिए।
इस घटना के विरोध में एनएचएआई इंजीनियर एसोसिएशन ने भी जोरदार बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने अचल जिंदल पर हुए हमले पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह हमला अचल जिंदल पर नहीं, बल्कि पूरे संस्थान और लोक सेवकों की गरिमा पर हमला है। हम सभी दोषियों के खिलाफ सख्त और उदाहरण प्रस्तुत करने वाली कार्रवाई की मांग करते हैं।
प्रदेश की राजनीति भी इस मुद्दे पर दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है। विपक्षी भाजपा ने इसे लोक सेवकों की स्वतंत्रता पर हमला बताया है और प्रदेश सरकार पर कानून.व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल प्रशासनिक हलकों में चिंता बढ़ा दी है, बल्कि यह सवाल भी खड़े कर दिए हैं कि क्या सत्ता के गलियारों से जुड़े लोग अब सरकारी अधिकारियों की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं।