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July 25, 2025
हिमकेयर योजना का लाभ ले रहे सरकारी कर्मियों पेंशनरों पर गिरेगी गाज, सुक्खू सरकार ने दिए निर्देश
सुक्खू सरकार ने मांगा डाटा, सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना के हो रहे दुरुपयोग पर सुक्खू सरकार ने सख्त रूप अपनाया है। सुक्खू सरकार ने हिमकेयर योजना का लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को योजना से बाहर कर दिया है। वहीं इस योजना का लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारियांे और पेंशनरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए हैं। बीते रोज गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ने ऐसे कर्मचारियों और पेंशनरों का डाटा मांगकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।
सरकार ने पाया है कि कई ऐसे सरकारी कर्मचारी और सेवानिवृत्त पेंशनर हैं जिन्हें पहले ही सरकार की ओर से मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा मिल रही है, वे भी हिमकेयर के तहत मुफ्त इलाज का लाभ ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की स्क्रीनिंग में यह तथ्य सामने आया कि पंजीकृत 5.30 लाख कार्डधारकों में से आधार से लिंक किए गए मात्र 17 हजार कार्ड में लगभग 2000 ऐसे सरकारी कर्मचारी और पेंशनर शामिल हैं, जो इस योजना के दायरे में नहीं आते।
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अब स्वास्थ्य विभाग ने अपात्र लोगों को पकड़ने के लिए सभी हिमकेयर कार्ड धारकों के आधार लिंक करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। ताकि अपात्र लोगों की पहचान हो सके और उन्हें इस योजना से बाहर किया जा सके। विभाग का कहना है कि अभी तक मात्र 17 हजार कार्ड ही आधार से लिंक किए गए हैं और उनमें ही दो हजार सरकारी कर्मचारी और पेंशनर पाए गए हैं। ऐसे में अन्य कार्ड धारकों को आधार से लिंक करने पर और कई आपात्र लोगों का खुलासा होगा।
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वर्तमान में हिमकेयर योजना पर 350 करोड़ रुपये की देनदारी है, जिसमें से 100 करोड़ रुपए निजी अस्पतालों को भुगतान करना बाकी है। योजना के तहत पंजीकृत परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है। हर साल कार्ड बनाने और नवीनीकरण के लिए एक हजार रुपये शुल्क लिया जाता है।
सरकार ने बताया कि फिलहाल डायलिसिस की सुविधा ही निजी अस्पतालों में जारी है, जबकि बाकी सभी इलाज और सर्जरी केवल सरकारी अस्पतालों में ही किए जा रहे हैं। लंबे समय से लंबित भुगतान में से डायलिसिस केंद्रों को पांच करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है। शेष भुगतान भी जल्द किस्तों में किए जाएंगे।
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बैठक में स्वास्थ्य, वित्त और ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने योजना की मौजूदा स्थिति और चुनौतियों पर चर्चा की। सरकार का जोर इस बात पर है कि हिमकेयर को पारदर्शी और वास्तविक जरूरतमंद परिवारों के लिए प्रभावी बनाया जाए। अब उम्मीद की जा रही है कि आधार लिंकिंग और अपात्र लोगों को हटाने जैसे कदमों से योजना की विश्वसनीयता और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।