#अपराध
July 25, 2025
IGMC शिमला में डॉक्टरों का कारनामा- मरीज को थमाया खाली ऑक्सीजन सिलेंडर, बेटे ने खोली पोल
सुबह 5 बजे पहुंचे IGMC, घंटों भटकते रहे पर नहीं मिला उपचार
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल IGMC शिमला में इलाज में लापरवाही का सनसनीखेज आरोप सामने आया है। मंडी के नेरचौक मेडिकल कॉलेज से अपनी बीमार मां को लेकर शिमला आए लीलाधर चौहान ने सोशल मीडिया पर अस्पताल में हुई घटना की जानकारी दी।
उन्होंने लाइव आकर बताया कि IGMC की इमरजेंसी में घंटों भटकने और बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें समय पर उपचार नहीं मिला। उन्होंने दावा किया कि जब इमरजेंसी में प्रवेश मिला, तो वहां उन्हें जो ऑक्सीजन सिलेंडर दिया गया, वह खाली था।
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लीलाधर का कहना है कि IGMC में मौजूद दो डॉक्टर उनकी मां की गंभीर हालत के बावजूद मूकदर्शक बने रहे। वह, उनके भाई-बहन और पत्नी एक घंटे तक इधर-उधर दौड़ते रहे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने फेसबुक लाइव किया, तभी अस्पताल स्टाफ हरकत में आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
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फेसबुक लाइव में लीलाधर ने भावुक होकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सीधे हस्तक्षेप की अपील की। उन्होंने मांग की कि इस मामले में जिम्मेदार डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई हो और IGMC की कार्यप्रणाली में सुधार हो, ताकि भविष्य में किसी और की मां को इस तरह मरना न पड़े।
IGMC शिमला हिमाचल का सबसे प्रीमियम और रेफरल अस्पताल माना जाता है। यहां प्रदेशभर से मरीज अंतिम उम्मीद के तौर पर पहुंचते हैं। ऐसे में यहां यदि इमरजेंसी में मरीज को समय पर उपचार न मिले और ऑक्सीजन सिलेंडर तक खाली दिया जाए, तो यह पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
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इस मामले को लेकर IGMC के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने मीडिया को बताया कि इस घटना की शिकायत उन्हें मिली है। उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और जांच पूरी होने के बाद ही आधिकारिक बयान दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि कोई भी डॉक्टर या स्टाफ दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।