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February 5, 2025

हिमाचल बिजली बोर्ड के 700 पदों पर गिरी गाज, CM सुक्खू ने दी स्वीकृति

बेरोजगारों को सुक्खू सरकार ने दिया तगड़ा झटका

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Himachal News

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य बिजली बोर्ड में निदेशक मंडल की विभिन्न श्रेणियों के 700 पदों को समाप्त करने का फैसला लिया है। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है। इस निर्णय के बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर्स एकजुट होकर सरकार के खिलाफ संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं।

बिजली बोर्ड में 700 पद खत्म

इस फैसले के विरोध में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड कर्मचारी, अभियंता और पेंशनर्स ने मिलकर एक जॉइंट एक्शन कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की पहली बैठक आज शिमला स्थित बिजली बोर्ड मुख्यालय में आयोजित हो रही है, जहां आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

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सरकार पर भड़के कर्मचारी

बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने पहले ही संकेत दे दिया था कि यदि सरकार ने पदों को समाप्त करने का आदेश जारी किया, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में जब इस प्रस्ताव को पारित किया गया और मुख्यमंत्री ने भी इसे मंजूरी दे दी, तो कर्मचारियों का गुस्सा भड़क उठा।

 

आज, बिजली बोर्ड मुख्यालय "कुमार हाउस" में भोजन अवकाश के दौरान कर्मचारी सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह केवल शुरुआती कदम है और यदि सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया, तो बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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संघर्ष की रणनीति होगी तय

बिजली बोर्ड के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रबंधन से बातचीत करने का अनुरोध किया था ताकि किसी भी निर्णय से पहले उनकी राय को भी सुना जाए। लेकिन प्रबंधन ने बैठक में उन्हें शामिल नहीं किया और एकतरफा फैसला ले लिया।

 

ज्वाइंट फ्रंट के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि अब कर्मचारियों के पास आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। आज होने वाली बैठक में सरकार के खिलाफ अगले कदम की रणनीति तैयार की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ, तो पूरे राज्य में बिजली कर्मचारियों का व्यापक प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।

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सरकार और बिजली बोर्ड कर्मचारियों के बीच यह टकराव आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है। यदि सरकार अपने फैसले पर अडिग रही, तो राज्यभर में बिजली आपूर्ति प्रभावित होने की भी संभावना बन सकती है। इस कदम को लेकर कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उनका यह भी कहना है कि अन्य विभागों में अतिरिक्त स्टाफ का समायोजन कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त दबाव बना सकता है।

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